फौज उठाने जा रही बड़ा कदम बाल यौन शोषण पर लगेगी अब लगाम…
देशभर में बच्चों को यौन उत्पीड़न, बालश्रम व ट्रैर्फिंकग जैसे अपराधों से बचाने के लिए अलग-अलग राज्यों से कुल 55 मास्टर ट्रेनर्स तैयार किए गए हैं। खास बात यह है कि सर्वाधिक मास्टर ट्रेनर्स जम्मू-कश्मीर से हैं। सूत्रों का मानना है कि गत दिनों हुए कठुआ कांड के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर सरकार ने 23 डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट्स (डीसीपीयू) अधिकारी भेजे। सभी को हौज खास स्थित महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक कोऑपरेशन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट (निप्सिड) की तरफ से 12 दिन का उच्चस्तरीय प्रशिक्षण दिया गया।
इन्हें यौन उत्पीड़न के शिकार बच्चों और उनके अभिभावकों की काउंसिलिंग और उनके पुनर्वास के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। अब ये मास्टर ट्रेनर्स अपने-अपने राज्यों में डीसीपीयू और बाल अधिकारों के लिए काम कर रहे एनजीओ के सदस्यों को प्रशिक्षण देंगे। निप्सिड के डायरेक्टर एमए इमाम और डिप्टी डायरेक्टर संघमित्रा बारिक ने सभी को प्रमाण पत्र प्रदान किए।
इन विषयों पर दिया जोर: बालश्रम, बाल विवाह, बाल तस्करी, बाल वेश्यावृत्ति, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, इन कंट्री व इंटर कंट्री एडॉप्शन, चाइल्ड प्रोटेक्शन सिस्टम, यौन शोषण का शिकार बच्चों की काउंसलिंग, उनकी भावनात्मक व व्यावहारिक आवश्यकता, बच्चों की कानूनी मदद में आने वाली समस्याएं व समाधान, सीएसआर के तहत बच्चों की सुरक्षा के लिए कॉरपोरेट सेक्टर से तालमेल आदि।
क्यों पड़ी जरूरत
देशभर में बच्चों के साथ होने वाले अपराधों की तुलना में हर राज्य मे डीसीपीयू अधिकारियों की संख्या काफी कम है और जो हैं भी उन्हें विशेषीकृत प्रशिक्षण नहीं मिला है। दूरदराज के जिलों में सभी को प्रशिक्षण दे पाना व्यावहारिक भी नहीं है, इसीलिए निप्सिड ने सभी राज्यों से ऐसे योग्य डीसीपीयू अधिकारियों की सूची मांगी, जो बालश्रम, बाल यौन उत्पीड़न, बाल तस्करी और अनाथ बच्चों की काउंर्सिंलग और उनके पुनर्वास में गहरी रुचि रखते हों। निप्सिड को जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़ आदि राज्यों से ऐसे 37 महिला व 18 पुरुष डीसीपीयू अधिकारी मिले। अब ये मास्टर ट्रेनर्स अपने-अपने राज्यों में तैनात डीसीपीयू अधिकारियों को प्रशिक्षण देंगे।
जम्मू-कश्मीर पर सबसे अधिक फोकस मास्टर ट्रेनर्स का कोर्स पूरा होने के बाद एमए इमाम ने जम्मू-कश्मीर के सभी 23 प्रतिभागियों के साथ अलग से बैठक की। साथ ही जुलाई में राज्य में डीसीपीयू, पुलिस अधिकारियों, मीडिया, न्यायपालिका से जुड़े लोगों के लिए विशेष प्रशिक्षण अभियान चलाया जाएगा। राज्य सरकार ने इसके लिए
विभाग से मांग भी की है। विभाग के एक सूत्र ने बताया कि कठुआ कांड के बाद चले आंदोलनों और राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए महिला एवंसबाल विकास मंत्रालय भी इस मामले में जम्मू-कश्मीर को विशेष तवज्जो दे रहा है। वैसे भी राज्य में चाइल्ड प्रोटेक्शन के लिए पहली बार डीसीपीयू का गठन कर अधिकारियों की भर्ती की गई है।