CDS रावत के साथ युद्ध स्मारक पहुंचे तीनों सेना प्रमुख शहीदों को किया नमन दी श्रद्धांजलि
साल 1949 में आज ही के दिन भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर के स्थान पर तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल के एम करियप्पा भारतीय सेना के कमांडर इन चीफ बने थे। करियप्पा बाद में फील्ड मार्शल भी बने केएम करियप्पा पहले ऐसे अधिकारी थे, जिन्हें 28 अप्रैल 1986 को फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई थी। उन्होंने भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। दूसरे विश्व युद्ध में बर्मा में जापानियों को शिकस्त देने के लिए उन्हें ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर से प्रतिष्ठित किया गया था 1993 में उनका निधन हुआ भारतीय सेना का गठन ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में किया गया था। भारतीय थल सेना की शुरुआत ईस्ट इंडिया कंपनी की सैन्य टुकड़ी के रुप में हुई थी। बाद में यह ब्रिटिश भारतीय सेना बनी और फिर भारतीय थल सेना के नाम दिया गया।
जनरल मनोज ने थलसेना के सभी सैनिकों, परिवारों, भारतीय सशस्त्र बल, भूतपूर्व सैनिकों, वीर नारियों को सेना दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सभी को सफलता, यश और गौरव की शुभकामनाएं भी दी।