मोहन भागवत के दो बच्चों वाले कानून वाले बयान पर भड़की राकांपा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के दो बच्चों वाले कानून के बयान पर सियासत गरमा गई है। राकांपा ने इस पर तंज कसते हुए नतीजा भुगतने की चेतावनी दी है नेता नवाब मलिक ने कहा है कि मोहन भागवत जी दो बच्चों का कानून चाहते हैं। शायद उनको नहीं पता कि महाराष्ट्र में पहले से ही इस पर कई कानून है। कई दूसरे राज्यों में भी ऐसा ही है। फिर भी यदि भागवत जी जबरदस्ती पुरुष नसबंदी चाहते हैं तो मोदीजी को इस पर कानून बनाने दें। हमने देखा है कि अतीत में इसका क्या हस्र हुआ था दरअसल, चार दिन के प्रवास पर मुरादाबाद में भागवत ने गुरुवार को कहा था कि संघ की अगली योजना दो बच्चों का कानून है।
जनसंख्या वृद्धि विकराल रूप धारण कर चुकी है। संघ जनसंख्या नियंत्रण कानून के पक्ष में है। संघ का मत है कि दो बच्चों का कानून होना चाहिए लेकिन इस पर फैसला तो सरकार को लेना है। केंद्र को ऐसा कानून बनाना चाहिए जिससे जनसंख्या नियंत्रण हो सके।
संघ प्रमुख से पूछा गया कि राममंदिर का मसला तो अब सुप्रीम कोर्ट से हल हो चुका है। अब इसमें संघ की क्या भूमिका होगी इसके जवाब में भागवत ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन होते ही संघ का काम पूरा हो जाएगा।
इसके बाद संघ खुद को इस मुद्दे से अलग कर लेगा। यह पूछे जाने पर कि मथुरा और काशी संघ के एजेंडे में रहेगा या नहीं संघ प्रमुख ने कहा कि काशी और मथुरा कभी भी संघ के एजेंडे में नहीं रहा है। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुई हिंसक घटनाओं के सवाल पर भागवत ने कहा कि यह कानून नागरिकता देने वाला है, इसका विरोध नहीं होना चाहिए।