मन की बात में पीएम ने कहा लॉकडाउन तोड़ेंगे तो वायरस से नहीं बचेगे
-देश से माफी मांगता हूं, मुझे पता है आप मुझे माफ करेंगे। इस दौरान ऐसे निर्णय लेने पड़े जिससे आपको दिक्कत हो रही।
-खासकर गरीब भाई-बहन को लगता होगा कि कैसा प्रधानमंत्री है, हमें मुसीबत में डाल दिया। घर में बंद कर दिया।
-भारत जैसे 130 करोड़ आबादी वाले देश को बचाने के लिए जरूरी था। यह जीवन-मौत की लड़ाई, जीतना है तो ये कठोर कदम उठाने थे, इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं था।
-दुनिया की स्थिति देखकर लगता है कि लॉकडाउन की एकमात्र रास्ता है।
-कुछ लोग स्थिति की गंभीरता नहीं समझ रहे हैं, लॉकडाउन तोड़ेंगे तो मुश्किल हो जाएगा।
-कोरोना को हरानेवाले शख्स रामगप्पा तेजा से मोदी ने बात की। रामगप्पा तेजा ने बताया कि क्वॉरेंटाइन को लोग जेल न समझें। मोदी ने सुझाव दिया कि अपने इस सफर के बारे में वह ऑडियो सोशल मीडिया पर डालकर वायरल करें।
-मोदी ने आगरा के अशोक से भी बात की। उनका पूरा परिवार कोरोना की चपेट में था। उन्होंने बताया कि कैसे पूरा परिवार इस बीमारी से लड़ा। मोदी ने परिवार को बताया कि अब वे आसपास के लोगों को घर में रहने के लिए जागरूक करें।
-डॉ नीतीश गुप्ता से बात की। डॉक्टर ने बताया कि उन्हें इलाज में जरूरी सभी सामान सरकार दे रही है। डॉक्टर ने बताया कि लोग बाहर हो रही मौतों को देखकर डर जाते हैं। फिर उन्हें समझाना पड़ता है कि आपका केस उतना बिगड़ा हुआ नहीं है।
-मोदी बोले कि इस बीमारी के मरीज अचानक बढ़ जाते हैं। इसलिए लोगों को खास ख्याल रखना है।
-पुणे के डॉक्टर बोरसे से भी मोदी ने बात की। डॉक्टर ने बताया कि बार-बार हाथ धोने चाहिए। खांसते वक्त रूमाल का यूज करना चाहिए। अगर पॉजेटिव आएं या शक हो तो घर पर ही रहें। बोरसे ने कहा कि उन्हें यकीन है कि देश यह लड़ाई जीतेगा। मोदी ने कहा कि देश को डॉक्टर की बात सुननी चाहिए।
-मोदी ने बताया कि आचार्य चरख ने डॉक्टरों के लिए कहा था कि वह धन और किसी कामना के लिए नहीं मानवता के लिए काम करते हैं वह सर्वश्रेष्ठ। मोदी ने बताया कि मेडिकल सर्विस में लगे 20 लाख लोगों का 50-50 लाख का बीमा किया गया।
-मोदी ने उन लोगों का शुक्रिया करने को कहा जो जरूरी चीजों की सर्विस में लगे हुए हैं। यहां मोदी ने बैंकिंग सेक्टर, ई कॉमर्स, छोटी परचून की दुकान, वर्कर आदि का जिक्र किया।
-क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों से सिर्फ सोशल डिस्टेंस बनाकर रखना है, उन लोगों से खराब व्यवहार न करें। वे लोग जिम्मेदारी दिखाते हुए खुद अलग हुए हैं। इस समय में सोशल डिस्टेंस बढ़ाओ, इमोशनल डिस्टेंट घटाओ।
-नरेंद्र मोदी ऐप पर लोग बता रहे कि वे रजाई बनाना सीख रहे, कोई नई चीजें बनाना सीख रहा। बागवानी कर रहा। ई-रीयूनियन कर रहे। उन किताबों को पढ़ रहे जिन्हें काफी वक्त से नहीं पढ़ा था।
-मोदी ने कहा कि मानवता दिखाएं। कहीं गरीब दिखे तो पहले उसका पेट भरे। हिंदुस्तान यह कर सकता है। यह हमारे संस्कार।