कांग्रेस वरिष्ठ नेता सांसद शशि थरूर का बड़ा बयान कहा। ….
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए संदेश की निंदा की है, जिसमें उन्होंने रविवार रात नौ बजे सभी से मोमबत्ती जलाने का आग्रह किया है। थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री के भाषण में भविष्य की कोई दृष्टि नहीं है साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कोरोनावायरस के परीक्षण और उपचार के वैज्ञानिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है थरूर ने ट्वीट किया,प्रधान शोमैन को सुनिए। लोगों की पीड़ा, उनके बोझ, उनकी वित्तीय चिंताओं को दूर करने के लिए उनके पास कुछ नहीं है। भविष्य के बारे में कोई दृष्टि नहीं कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद वह क्या कुछ करने का निर्णय ले रहे हैं। भारत के फोटो-ऑप प्रधानमंत्री द्वारा सिर्फ एक फील-गुड का माहौल।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, यह कोई दुर्घटना नहीं है। पीएम मोदी ने राम नवमी के दिन सुबह 9 बजे 9 मिनट के लिए बात की। हमसे 5 अप्रैल को 9 बजे रात में ज मिनट के लिए दीया और मोमबत्ती जलाने के लिए कहा। वे हिंदू धर्म के सभी मंगलकारी तत्वों को 9 नंबर के साथ जोड़ रहे हैं। सबकुछ राम भरोसे जितना हम सोच रहे हैं, उससे कही ज्यादा कोविड-19 को और गंभीरता से लेने की जरूरत है!” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से थरूर संसद सत्र समाप्त होने के बाद से दिल्ली में ही फंसे हुए हैं।
कोरोना वायरस को पराजित करने की देश की सामूहिक शक्ति को प्रदर्शित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को देशवासियों से अपील की कि वे रविवार 5 अप्रैल को रात नौ बजे अपने घरों की बालकनी में खड़े रहकर मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं। प्रधानमंत्री ने देशवासियों के लिए अपने 11 मिनट से ज्यादा के वीडियो संदेश में इस दौरान लोगों से सामाजिक दूरी को बनाए रखने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी बनाये रखने की ‘लक्ष्मण रेखा’ को नहीं लांघे क्योंकि कोरोना की श्रृंखला को तोड़ने का यही रामबाण इलाज है।
उनका यह संदेश परोक्ष रूप से 22 मार्च की घटनाओं को लेकर है जब लोगों ने कोरोना वायरस महामारी से सबसे आगे खड़े होकर मोर्चा ले रहे डॉक्टरों, नर्सो और अन्य कर्मचारियों के प्रति कृतज्ञता जाहिर करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में एकत्र होकर तालियां और ड्रम बजाए थे। प्रधानमंत्री ने ही जनता से इसका आहृवान किया था। उन्होंने कहा, मेरी प्रार्थना है कि इस आयोजन के समय किसी को भी कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है। रास्तों में, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाज़े, बालकनी से ही इसे करना है।