झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर ने कही ये बात दिया बयान। ….
झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर ने कहा है कि लॉक डाउन की अवधि खत्म करने अथवा बढ़ाने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है लेकिन 11 या 12 अप्रैल को मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बैठक कर इस पर निर्णय लिया जा सकता है साथ ही उन्होंने यह भी कहा की प्रदेश में लॉक डाउन की अवधि समाप्त होने के बाद रोजगार सृजन एक बड़ी समस्या बनकर उभरेगी। अभी फसल तैयार है और किसानों को उचित मूल्य दिलाना जरूरी है। रोजगार खत्म होने के कारण मजदूरों के सामने संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इससे निपटने के लिए सरकार कारगर कदम उठाने की तैयारियों में जुट गई है। हमारी कोशिश होगी कि अर्थव्यवस्था को एक बार फिर पटरी पर लाया जा सके
उन्होंने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में दिन भर लोगों की परेशानियों की जानकारी ली और सरकारी अधिकारियों से लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं तक को निराकरण के लिए आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस राहत एवं निगरानी समिति के समन्वयक रोशन लाल भाटिया, सदस्य प्रदीप तुलस्यान, प्रवक्ता आलोक दुबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं राजेश गुप्ता समेत कई नेता मौजूद थे।
प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने बताया कि मुख्यालय में बनाए गए कंट्रोल रूम में फोन पर जितनी भी सूचनाएं मिल रही है उन पर कार्रवाई की जा रही है। सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह प्रखंड से नवीन महतो को डीएसओ प्रियंका के माध्यम से मदद पहुंचाई गई है। डोरंडा से रमीज राजा, सूरत के राजकुमार और सिल्ली के राजा टोल निवासी शंकर विश्वकर्मा के साथ-साथ चंद्रपुरा के विशेश्वर महतो को अनाज उपलब्ध कराया गया है।
केंद्र सरकार झारखंड की अनदेखी न करे और कोरोना से निपटने के लिए सारे संसाधन मुहैया कराये। आपदा के वक्त में राजनीतिक भेदभाव ठीक नहीं है। वीडियो कांफ्रेंसिंग में झारखंड के मुख्यमंत्री को समय नहीं देना, कोरोना से निपटने के लिए मांगने के बावजूद काफी कम संसाधन उपलब्ध कराने से यह प्रतीत हो रहा है कि गैर-भाजपा शासित राज्यों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार हो रहा है। केंद्र सरकार दूसरे देशों के लिए तो इतनी चिंतित है कि 24 घंटे के अंदर संकट की घड़ी में काम आने वाली दवा के निर्यात को हरी झंडी दिखा देती है और झारखंड सरकार की मांग पर या तो ध्यान नहीं देती है या दरकिनार कर देती हैं।