COVID-19 के चलते बिहार के जिलों में होगी डोर टू डोर स्क्रीनिंग
कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर राज्य सरकार ने एक और बड़ा फैसला किया है। अब एक से 23 मार्च के बीच विदेशों से आये लोगों के गांवों में सभी घरों में लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी। राज्य के ऐसे आठ हजार गांवों को चिह्नित कर लिया गया है। इसके अलावा चार जिले सीवान, बेगूसराय, नालंदा और नवादा में भी घर-घर में जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम स्क्रीनिंग करेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश दिया है कि पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर 16 अप्रैल से डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग शुरू कराएं। इस तरह वृहत पैमाने पर स्क्रीनिंग करने वाला बिहार पहला राज्य बना है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि पांच दिनों में उक्त सभी घरों में स्क्रीनिंग कर ली जाएगी। इसके बाद अगले तीन दिनों में इन सभी गांवों में दोबारा टीम जाएगी और सभी से बात करेगी। डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग के दौरान टीम वहां के दवा दुकानों से भी बात करेगी। यह देखेगी कि कोरोना के लक्षण को लेकर कोई उनसे दवा की खरीद करने आया था या नहीं। स्क्रीनिंग के दौरान टीम यह देखेगी कि किसी व्यक्ति को कोरोना के लक्षण तो नहीं हैं। अगर किसी में थोड़ी भी लक्षण दिखाई देगी तो उसकी जांच करायी जाएगी। ऐसे लोगों को क्वारेनटाइन में रखा जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि उक्त चार जिलों से जुड़े प्रखंडों में भी स्क्रीनिंग करायी जाएगी। यह भी कहा कि 15 से 23 मार्च के बीच विदेश से आये लोगों की स्क्रीनिंग कराई गई थी। लेकिन, अब निर्णय लिया गया है कि फिर से एक से 23 मार्च के बीच विदेश से आने वाले गांवों में हर घर में स्क्रीनिंग की जाएगी। जिस घर में स्वास्थ्य विभाग की टीम जाएगी, उसके दरवाजे के समीप एक निशान भी लगाएगी। एक टीम में दो लोग रहेंगे। हर तीन टीम पर एक पर्यवेक्षक नियुक्त होंगे। गौरतलब हो कि पूर्व में 23 मार्च तक विदेश से आये लोगों की संख्या 12 हजार से अधिक बतायी गई थी।