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ऑस्ट्रेलिया-चीन के बीच कोरोना वायरस को लेकर तकरार

कोरोना वायरस महामारी को लेकर चीन अब पूरी दुनिया में घिरने लगा है. ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में ‘फाइव आईज इंटेलिजेंस’ का एक डोजियर छपा है जिसमें दावा किया गया है कि बीजिंग ने कोविड-19 के शुरुआती चरण में जानकारी छिपाई. इसे लेकर चीन की तरफ से भी तीखी प्रतिक्रिया आई है.द फाइव आईज नेटवर्क पांच देशों का एक इंटेलिजेंस गठबंधन है जिसमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूके और यूएस शामिल हैं.वुहान से पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के फैलने की जांच की है. 15 पेज के लीक हुए डोजियर में कहा गया है कि चीन ने कोरोना वायरस के बारे में तमाम सोशल मीडिया पोस्ट का नामोनिशान मिटा दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने दिसंबर में इंसानों से इंसानों में कोरोना संक्रमण के सबूत मिलने के बावजूद 20 जनवरी तक पूरी दुनिया को अंधेरे में रखा.वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरलॉजी में वायरस को पैदा किया गया और चमगादड़ से संबंधित बीमारियों को जोखिम भरा रिसर्च किया जा रहा था. हालांकि, इसका कोई साक्ष्य नहीं है कि चीन की प्रयोगशाला से वायरस लीक हुआ.

चीनी मीडिया ने लिखा, 15 पेज के डोजियर में चीन पर सबूत मिटाने और जानकारी छिपाने के लिए आलोचना की गई. ये अंतरराष्ट्रीय पारदर्शिता पर हमला है. इसे बिना किसी पुष्ट के ही छाप दिया गया. चीन ने इस रिपोर्ट को लेकर कड़ी चेतावनी जारी की है. चीन ने आगाह किया है कि इस तरह की जांच बीजिंग को नकारात्मक कार्रवाई करने पर मजबूर कर सकती है. ऑस्ट्रेलिया में चीन के राजदूत चेंग जिंगये ने कहा, अब चीनी पर्यटक ऑस्ट्रेलिया आने से पहले दो बार सोचेंगे. वे सोचेंगे कि अगर ऑस्ट्रेलिया हमारा दोस्त नहीं है तो हम वहां क्यों जाएं. चीनी राजदूत ने ऑस्ट्रेलियाई वस्तुओं के बहिष्कार की भी धमकी दी थी.अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों को महामारी को लेकर चीन की जवाबदेही तय करनी चाहिए. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी चीन से महामारी रोक पाने में असफलता को लेकर उससे हर्जाना लेने की बात कही है.

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