15 साल की बेटी अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर गुरुग्राम से गांव तक लाई अब हो रही प्रशंसा …
कोरोना वायरस की वजह से इस समय लोगों की जिंदगी बहुत ही दिक्कत में चल रही है। लॉकडाउन ने लाखों लोगों की रोजी-रोटी ले ली है लॉकडाउन की वजह से इस समय गरीबों पर बहुत दिक्कत आई है, उन्हें दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना बहुत ही मुश्किल हो गया है। शहर में इस तरह की आई दिक्कत से प्रवासियों को अपना ही गांव याद आया है इस कोरोनाकाल में हर कोई अपने गांव पहुंचना चाह रहा है। सरकार ने प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए व्यवस्था भी की है। अब दूसरे राज्यों में फंसे हुए मजदूर पैदल, ट्रक, या फिर अन्य किसी तरह से अपने घर पहुंचना चाह रहे हैं।
सरकार की तरफ से चलाई गई श्रमिक ट्रेनें सभी प्रवासियों का सहारा नहीं बन पा रही है लॉकडाउन की वजह से गरीबों पर पड़ रही मार का एक उहाहरण बिहार के दरभंगा जिले में भी देखने को मिला यहां से कमाने के लिए गुरुग्राम गए एक व्यक्ति के पास जब कुछ नहीं बचा, तो उसने साइकिल से ही गांव चलने की ठानी। लेकिन बीमार होने की वजह से वह साइकिल से 1200 किलोमीटर का सफर नहीं तय कर सकता था। ऐसी स्थिति में उसकी लगभग 15 साल की बेटी सहारा बनी और अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर गुरुग्राम से गांव तक लेकर चली आई। इस बेटी की कहानी अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, हर कोई उस बहादुर बेटी की तारीफ कर रहा है तो वही अमेरिकी राष्ट्रपति की बेटी और सलाहकार इवांका ट्रंप बिहार की इस बेटी के हौसले की मुरीद हो गई और ट्वीट कर के जाहिर की