शिवम सोलंकी ने किया कमाल दोनों हाथ और एक पैर गवांने के बाद भी लाया 92% मार्क्स ….
शिवम सोलंकी ने गुजरात बोर्ड 12वीं कक्षा की परीक्षा में सफलता पाकर कामयाबी की ऐसी इबारत लिख दी जो देश- दुनिया के हजारों- लाखों छात्रों के लिए गहरी प्रेरणा बनेगी. उनकी कामयाबी इन पंक्तियों का एहसास कराती है. ठीक ही कहा गया है.
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आखिर उनकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिस करने वालों की कभी हार नहीं होती
कविता की ये उपरोक्त पंक्तियाँ गुजरात राज्य के वड़ोदरा के बरानपुरा के रहने वाले शिवम् सोलंकी के ऊपर एकदम सटीक बैठती हैं. जिन्होंने मात्र 12 वर्ष की आयु में अपने दोनों हाथ एवं एक पैर गवां देने के बावजूद भी पढ़ाई के प्रति उनका जज्बा कम नहीं हुआ और इसी जज्बे के बदौलत उन्होंनें गुजरात बोर्ड की 12वीं परीक्षा में विज्ञान वर्ग में 92% अंक हासिल करके एक नयी मिशाल कायम की है.
शिवम सोलंकी ने परीक्षा में कलाई के सहारे लिखकर परीक्षा दी थी. इसके पहले भी उन्होंने 10वीं की परीक्षा में भी शानदार 81% अंक हासिल किया था. गुजरात के इस छात्र ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए बताया कि मैं डॉक्टर बनना चाहता हूँ और डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहता हूँ और अगर डॉक्टर नहीं बना, तो इससे सम्बंधित दूसरी सेवाओं में जाकर समाज की सेवा करना चाहता हूँ.