ड्रैगन को सबक सिखाने के लिए भारत तैयार अब चीनी सैनिकों को मिलेगा कड़ा जवाब: आईटीबीपी
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जहां भी हालात बेकाबू होंगे या चीनी सेना के साथ तनातनी बढ़ने के आसार बनेंगे, वहां आर्मी फ्रंटलाइन पर रहेगी।
यहां तैनात इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) सामंजस्य स्थापित करते हुए सेना के साथ चलेगी। मौजूदा परिस्थितियों और चीन के साथ बढ़ती तल्खियों को देखते हुए फिलहाल लद्दाख में आईटीबीपी सेना के प्रशासनिक कंट्रोल में रहेगी। ऑपरेशनल कंट्रोल अभी आईटीबीपी के पास ही होगा।
ड्रैगन को सबक सिखाने को भारत तैयार, वायुसेना की अभेद्य मोर्चाबंदी, इंतजार है ते बस आदेशों का दूसरी ओर, एलएसी पर जिन चौकियों पर चीनी सैनिकों के आगे बढ़ने की संभावना है या जहां वे अपने तंबू भारतीय सीमा की ओर बढ़ाकर लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
वहां भी सेना को फ्रंटलाइन पर रखते हुए चीनी सैनिकों को पीछे खदेड़ने के आदेश दिए गए हैं। सैन्य सूत्रों ने बताया कि गलवां घाटी में हुई घटना के बाद तो भारतीय सैन्य अफसरों और जवानों को दोबारा ऐसी हिमाकत करने की कोशिश करने पर भी चीनी सैनिकों को कड़ा जवाब देने को भी कहा गया है।
भारतीय सेना के आला अफसर एलएसी की विभिन्न चौकियों पर जाकर वहां तैनात आईटीबीपी अफसरों से मुलाकात करके मौजूदा जमीनी परिस्थितियों का फीडबैक भी ले रहे हैं।
अफसरों के साथ-साथ सैन्य अफसर सीमा पर तैनात आईटीबीपी के जवानों से भी मुलाकात कर रहे हैं, ताकि वहां बने हालातों और चुनौतियों को अच्छे ढंग से समझने और निपटने की रणनीति तैयार हो सके।
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर सरहद की निगहबानी की जिम्मेदारी हालांकि आईटीबीपी की है, लेकिन पिछले कई दिनों से जिस तरह के हालात बने हुए हैं। उसके मद्देनजर आर्मी की टुकड़ियों ने भी एलएसी पर मोर्चा संभाला हुआ है। वेस्टर्न और नॉदर्न कमांड की कई यूनिटों और कोर को स्टैंडबाई रखा गया है।
पहले की अपेक्षाकृत सेना के जवानों और अफसरों की संख्या भी एलएसी पर बढ़ाई गई है। सूत्रों ने बताया कि आईटीबीपी ने भी अपनी कुछ और बटालियन एलएसी पर तैनात की हैं।
अब सेना और आईटीबीपी एलएसी पर पेट्रोलिंग व निगरानी साथ-साथ करेंगे। अपनी खुफिया जानकारियों और रिपोर्ट्स को भी सांझा करेंगे, ताकि दुश्मन से निपटने व उस पर दबाव बनाने की रणनीति बनाने में आसानी हो सके।