धर्म/अध्यात्म

महामारी के दौर में लगने वाला सूर्य ग्रहण काफी अशुभ राहु-केतु समेत कुल छह ग्रह हुए वक्री: धर्म

साल के सबसे बड़े दिन आज यानी 21 जून को सूर्य ग्रहण लगना शुरू हो गया है. 25 साल बाद ये पहला मौका है जब वलायाकार यानी अंगूठी की तरह दिखने वाला ग्रहण लगा है.

सूर्य ग्रहण के दौरान भारत के कई शहरों में आसमान में सूर्य का घेरा एक चमकती अंगूठी की तरह नजर आएगा. इससे पहले वर्ष 1995 में इस तरह का ग्रहण देखा गया था.

सूर्य ग्रहण सुबह 09.15 बजे से शुरू होकर दोपहर 03.04 मिनट पर खत्म होगा. ज्योतिषियों के मुताबिक लगभग 05 घंटे 49 मिनट तक यानी करीब 6 घंटे के इस ग्रहण (Solar Eclipse) में ग्रहों के संयोग से कई परिणाम देखने को मिल सकते हैं.

सूर्य ग्रहण भले ही खगोलीय घटना हो, लेकिन धर्म-ज्योतिष और विज्ञान में इसके अपने मायने होते हैं. ज्योतिषों की मानें तो महामारी के दौर में लगने वाला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) काफी अशुभ है. ये न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में रोग और महामारी वाला ग्रहण साबित हो सकता है.

यह सूर्य ग्रहण मंगल के नक्षत्र में पड़ने वाला है. ज्योतिर्विदों के अनुसार, भारत समेत कई देशों पर इस सूर्य ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. यह सूर्य ग्रहण ऐसे वक्त में पड़ रहा है जब राहु-केतु समेत कुल छह ग्रह वक्री हैं. ज्योतिषियों का कहना है कि अगर ग्रहण काल में आप कुछ खास मंत्रों का जाप करें तो आपके सिर से संकट टल सकता है.

1. “तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥१॥”

2.“विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत। दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥२॥”

3. “ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात”

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