कोरोना संकट के बीच भारत टिड्डी दल के हमले से भी हुआ परेशान : रामपुर
देश के कई प्रदेशों में अपना आतंक मचाने के बाद टिड्डी दल अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रामपुर में आ पहुंचा है. जहां हजारों की संख्या में टिड्डी दल ने फसलों पर हमला कर दिया.
टिड्डी दल के फसलों पर हमले से रामपुर के किसान परेशान हैं. उन्होंने थाली बजाकर, ट्रैक्टर से खेतों में दवाइयों का छिड़काव करके टिड्डी दल को भगाने की कोशिश की.
वहीं, जिला प्रशासन ड्रोन कैमरों और फायर ब्रिगेड की मदद से टिड्डियों को मारने में लगा हुआ है. किसानों का आरोप है कि टिड्डी दल उनकी फसलों और बागों की पत्तियों को नुकसान पहुंचा रहा है और जिला प्रशासन पुख्ता इंतजाम नहीं कर पा रहा है .
रामपुर के बिलासपुर इलाके के बिजली फार्म के किसान गुरविंदर सिंह ने बताया कि टिड्डी दल के हमले की वजह से हमारे गन्ने को बहुत नुकसान हुआ है. टिड्डी दल इतनी बड़ी तादाद में था.
कल से हम प्रशासन को कॉल कर रहे हैं, लेकिन कोई यहां मदद के लिए नहीं आया. एक सर्वेयर टीम की गाड़ी आई, जो सुबह (रविवार) से आकर यहां खड़ी हो गई. 12:00 बजे तक उनके पास कोई दवाई नहीं थी.
उसके बाद ड्रोन से दवाई का छिड़काव करने की बात हुई. इसपर चेन्नई से उनके मुख्य अधिकारी कहते हैं कि ड्रोन से छिड़काव करने पर दो महीने के बाद इसका साइड इफेक्ट इंसानों और जानवरों पर पड़ेगा.
तो हमने कहा कि ऐसी दवाओं का प्रयोग हम यहां पर नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि अधिकारी यहां आए खानापूर्ति करी और चले गए. प्रशासन से हमें कोई मदद नहीं मिली है.
प्रशासन उन्हें भगाने में लगा है और घूम फिर कर दल यहां हमला कर दे रहा है. हम खुद जहां तक संभव है आपस में किसान मिलकर सफाई करवा रहे हैं. प्रशासन की टीम आई थी, हल्का-फुल्का छिड़काव करके चली गई.
इस संबंध में जिला कृषि अधिकारी चंद्रगुप्त सागर ने बताया कि टिड्डी दल की सूचना हमें परसों प्राप्त हुई थी कि बरेली से टिड्डी दल रामपुर की तरफ आ रहा है.
हमने डीएम साहब को अवगत कराते हुए उनके मार्गदर्शन में बॉर्डर पर ही एक्शन लेना शुरू कर दिया,
ताकि बॉर्डर से टिड्डी दल रामपुर क्षेत्र में प्रवेश न कर सके. हमने संयुक्त टीम के द्वारा बरेली के बॉर्डर करीमगंज और मनवा पट्टी पर ऑपरेशन चलाया.
करीमगंज में बरेली की टीम और मनवा पट्टी में हमारी टीम पूरे दिन काम करती रही.
हमने लगभग 30-40 फीसदी टिड्डियों को मनवा पट्टी पर ही मार गिराया. करीमगंज की ओर से टिड्डियों का दल रामपुर में घुस आया. हजरत पुर में भी हमने ऑपरेशन चलाया.
मौसम शुष्क होने के कारण टिड्डियां वहीं बैठी हुईं थी. हमारे पास माउंटेड ट्रैक्टर आदि, हमने किसानों को उपलब्ध करा दिए थे. उनका कहना है कि दवाइयों का प्रयोग करते हुए
फायर ब्रिगेड के साथ और शासन के पूरे सहयोग से हमने हजरत पुर की टिड्डियों को भी मार गिराया. उसके बाद टिड्डी अलग-अलग दलों में बंट गईं. हमने फायर ब्रिगेड माउंटेड ट्रैक्टर सबको साथ लेकर जगह-जगह ऑपरेशन किया.
अबतक 50- 60 फीसदी टिड्डी मर चुकी थीं. इसके बाद वो छोटे-छोटे दलों में बंट गईं. शाम होते-होते ये दल उत्तराखंड की तरफ बढ़ गया. हमें सूचना मिली कि टिड्डी अभी खटीमा और किच्छा बॉर्डर पर हैं.
चंद्रगुप्त सागर का कहना है कि इसके बाद हमने शहर में छानबीन की, तो टिड्डियों का दल कहीं नजर नहीं आया, लेकिन रविवार सुबह 10-11 बजे हमें सूचना मिली कि किसानों में 30-35 गांवों में टिड्डियों के दल को देखा है.
ये दल छोटे-छोटे थे. उन्होंने कहा कि डीएम के भी सख्त निर्देश थे कि टिड्डियां बिल्कुल बचनी नहीं चाहिए. हमने टिड्डी दल को डिस्ट्रॉय करने का पूरा प्रयास किया.
टिड्डी कहीं से ना बचे इसके लिए हमने ड्रोन टीम को बैकअप में रात ही में बुला लिया था. बैकअप में एक फायर ब्रिगेड की टीम भी रखी हुई थी.
हमने अधिकतर टिड्डियों को मार गिराया. इसके बाद हवा के बहाव में बची हुईं टिड्डियां बरेली बहेड़ी होते हुए उत्तराखंड की तरफ चली गईं.