बुराड़ी फांसीकांड में सबसे बड़ा खुलासा, जानें- आखिर में किस शख्स ने तोड़ा दम
दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही घर में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौतों को लेकर पुलिस अब सबसे सटीक नतीजे पर पहुंच चुकी है। दरअसल, बुराड़ी फांसीकांड में सभी 11 मौतों को लेकर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को मिल गई है। सबसे अधिक माथापच्ची बुजुर्ग महिला की रिपोर्ट को लेकर हुई थी, डॉक्टर नारायणी देवी की हत्या या अात्महत्या को लेकर बंटे हुए थे। 12 वें दिन घर की सबसे बुजुर्ग सदस्य नारायणी देवी की मौत को लेकर खुलासा हुआ कि उनकी मौत भी लटकने से हुई या फिर उन्होंने भी या तो फांसी लगाई या फिर स्वेच्छा से फांसी लगवाई। बात दें कि इससे पहले नारायणी देवी की मौत को लेकर सभी डॉक्टर एकमत नहीं थे, जिसके चलते रिपोर्ट तैयार करने में देरी हो रही थी।
इस बीच बुजुर्ग महिला नारायणी देवी की पोस्टमार्ट रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि नारायणी देवी ने भी आत्महत्या ही की थी। जांच टीम का मानना है कि नारायणी देवी ने सबसे आखिर में आत्महत्या की थी। यह भी जानकारी सामने आई है कि तथाकथित मोक्ष का अनुष्ठान करने वाले भाटिया परिवार के फंदे पर किसी भी 12वें शख्स के फिंगर प्रिंट नहीं मिले। घर में किसी बाहरी व्यक्ति की मौजूदगी के अनुमान से भी फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने इनकार किया है।
संयुक्त आयुक्त क्राइम ब्रांच आलोक कुमार के मुताबिक, इससे पहले 11 जुलाई को मेडिकल बोर्ड ने क्राइम ब्रांच को पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें साफ कहा गया है कि सभी दस लोग स्वयं फंदे पर लटके थे न कि उन्हें गला घोंटकर मारने या जहर देकर मारने के बाद लटकाया गया था। यह भयावह हादसा था। माना जा रहा है कि ललित के कहने पर ही सभी 10 सदस्य फंदे पर लटके थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, दस लोगों में से तीन के हाथ में खरोंच के निशान मिले थे। पुलिस का मानना है कि छोटी सी जगह में नौ लोग फंदे पर लटके थे और पास में कूलर रखा था। शायद छटपटाने से उनके शरीर एक-दूसरे से या रेलिंग व कूलर से टकराए हों, जिससे शरीर में खरोंच आ गई। मामले में मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम की अंतिम रिपोर्ट सौंपी जाएगी। वहीं, अभी ललित की बुजुर्ग मां नारायण देवी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई थी। उनका शव कमरे में अलमारी के पास जमीन पर पड़ा मिला था। उनके गले में बेल्ट लगी थी। रिपोर्ट नहीं आने का कारण यह है कि उनके शव का पोस्टमार्टम करने वाले मेडिकल बोर्ड के डॉक्टर उनकी मौत के तरीके को लेकर एकमत नहीं थे। यही वजह है कि मंगलवार दोपहर बोर्ड में शामिल डॉक्टरों ने ललित के घर जाकर उस स्थान का निरीक्षण किया, जहां नारायण देवी का शव पड़ा था।