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भारत में संक्रमण की पहचान के लिए स्वदेशी किट को मिली मंजूरी

भारत की पहली एंटीजन किट को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् से मंजूरी मिल गई है. पैथोकैच कोवि-19 एंटीजन रैपिड टेस्टिंग किट को भारत में विकसित किया गया है.

जल्द ही इसे बाजार में ऑर्डर के लिए मुहैया करा दिया जाएगा. किट की कीमत 450 रुपये रखी गई है.

पैथोकैच कोविड-19 एंटीजन रैपिड टेस्टिंग किट को बनानेवाली कंपनी का नाम माइलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस है. ICMR ने बुधवार को पहली स्वदेशी टेस्टिंग किट की मंजूरी दे दी है.

टेस्टिंग किट के जरिए कोरोना मरीजों की पहचान करना आसान हो जाएगा. कोविड-19 की पहचान के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट RT-PRC की तुलना में ज्यादा तेजी से होता है.

इससे 30 मिनट के अंदर जांच की रिपोर्ट हासिल हो जाती है. जबकि RT-PCR टेस्टिंग में करीब पांच घंटे का समय लगता है.

RT-PCR टेस्ट के लिए सुविधाओं से लैस प्रयोगशाला की जरूरत होती है. एंटीजन टेस्ट में सैम्पल के नेज़ल स्वाब से लिया जाता है. इससे पॉजिटिव मामले का पता जल्द चलेगा और लोगों को उसी आधार पर ट्रीटमेंट की सुविधा मिलने में आसानी होगी.

माइलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस के मैनेजिंग डायरेक्टर हसमुख रावल ने कहा हमारी टीम हर संभव तरीके से महामारी का मुकाबला करने के लिए सख्त मेहनत कर रही है.

किफायती RT-PCR टेस्ट लाने के बाद विदेशी किट्स पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से हमने टेस्टिंग किट को लांच किया है. अब, एंटीजन टेस्टिंग किट की मंजूरी मिलने से हम कोविड-19 टेस्टिंग के पूरे आयाम को कवर कर सकेंगे.

उन्होंने बताया कि महामारी के खिलाफ लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. क्रिश्चियन मेडिकल कॉलजे वैल्लूर में वॉयरोली विभाग के पूर्व हेड जैकब जॉन ने कहा यही एक माध्यम है जिससे हम कोरोना ट्रांसमिशन को ब्रेक करने में सफल हो पाएंगे.

संक्रमित लोगों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट कर दूसरों तक बीमारी फैलने से बचाया जा सकेगा इससे पहले ICMR ने SD Biosensor को एंटीजन टेस्ट किट की मंजूरी दी थी. दक्षिण कोरयाई कंपनी SD Biosensor का दफ्तर हरियाणा के मानेसर में है.

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