बिहार में कोरोना की भयावह स्थिति को देखते हुए डैमेज कंट्रोल में जुटी नीतीश सरकार
बिहार के कोविड अस्पतालों से आ रही भयावह तस्वीरों के मद्देनजर देश में हो रही किरकिरी को नियंत्रण में करने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं. बुधवार को कई फैसले लिए गए और कुछ को अमल में लाने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं.
सचिव, सूचना और जन-सम्पर्क अनुपम कुमार ने बताया कि कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को लेकर लगातार सरकार की ओर से सभी जरूरी काम की जा रही है.
कल से सभी अनुमंडल अस्पतालों में भी ऑन डिमांड टेस्टिंग की सुविधा शुरू हो गई है और इस सप्ताह के अंत तक यह व्यवस्था सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी शुरू कर दी जाएगी. इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है.
पटना प्रमंडल के आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि पटना में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है, जिसे देखते हुए सरकार ने कई आवश्यक कदम उठाये हैं.
पीएमसीएच, एनएमसीएच और एम्स पटना में कोविड-19 के मरीजों का इलाज बेहतर तरीके से हो, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से आईएएस,
आईपीएस और पांच बीएएस पदाधिकारियों को इन तीनों जगहों पर प्रतिनियुक्त किया गया है. कल से कंट्रोल रूम पूरी तरह से फंक्शनल है.
लोगों की जो भी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, उस पर त्वरित संज्ञान लेकर वे आगे की कार्रवाई कर रहे हैं. पिछले दिनों एनएमसीएच में शिकायतें मिली थीं
जिसके बाद वहां कंट्रोल रूम सेटअप किया गया और डॉ. विनोद सिंह को नए अधीक्षक के रूप में पदस्थापित किया गया.
उन्होंने आज कार्यभार संभाल लिया है. कल से स्थिति में काफी सुधार देखा जा रहा है. प्रत्येक वार्ड की जबाबदेही अब सीनियर डॉक्टर की होगी. अब हर वार्ड में डेडीकेटेड डॉक्टर्स की टीम रहेग
जो दिन में 6 बार वार्ड में विजिट कर मरीजों का इलाज करेंगे एनएमसीएच के हर वार्ड में चौबीसों घंटे डॉक्टर्स की टीम रहेगी.
उन्होंने बताया कि पीपीई किट्स पहनकर अधिक देर तक रहना काफी मुश्किल होता है इसलिए राज्य सरकार ने यह छूट दी है कि मेडिकल कॉलेज में अधीक्षक आवश्यकतानुसार डॉक्टर्स की ड्यूटी 8 घंटे से घटाकर 4 से 6 घंटे ही सुनिश्चित करें.
एनएमसीएच के आईसीयू वार्ड को और अधिक बेहतर बनाने के लिए सरकार की ओर से कई आवश्यक कदम उठाये गये हैं.
ऑक्सीजन की पाइपलाइन 165 बेड्स तक पहुंचा दी गयी है. बीएमएसआईसीएल की ओर से अन्य बेडों तक पाइपलाइन बिछाने का काम भी आज से प्रारम्भ कर दिया गया है.
प्रमंडलीय आयुक्त संजय अग्रवाल ने बताया कि पीएमसीएच और एनएमसीएच में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि कंट्रोल रूम से भी निगरानी की जा सके.
सीसीटीवी आज से फंक्शनल हो जाएंगे. इंटरकॉम लगाने के लिए भी सर्वे किया जा रहा है और इस पर जल्द ही काम शुरू होगा ताकि डॉक्टर्स, पेशेंट्स, अधीक्षक या कंट्रोल रूम से आपस में बात हो सके.
डेडबॉडी डिस्पोजल करने या परिजनों को सुपुर्द करने में समस्या न हो, इसके लिए जो मजदूर वहां इस काम को करते हैं, उन्हें प्रति डेडबॉडी अतिरिक्त 500 रुपये इंसेंटिव के रूप में दिए जाएंगे.
डेडबॉडी के ट्रांसपोर्टेशन के लिए राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त वाहन भी उपलब्ध करा दिये गए हैं ताकि लोगों को इंतजार नहीं करना पड़े. बांसघाट पर चैबीसों घंटे अंतिम संस्कार करने की अनुमति भी दी गयी है.
पहले रात में ही अंतिम संस्कार होते थे. नगर निगम के कर्मचारी भी वहां तैनात किए गए हैं ताकि अंतिम संस्कार में किसी प्रकार की कठिनाई न हो. डॉक्टर्स की ड्यूटी चार्ट भी नोटिस बोर्ड पर लगायी जाएगी, जिसका लगातार फॉलोअप किया जायेगा.
राज्य सरकार की ओर से आज पीएमसीएच में 25 और वेंटीलेटर उपलब्ध करा दिये गये हैं. इसके इंस्टॉलेशन का काम चल रहा है. डाक्टरों के लिए पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट्स उपलब्ध हैं और इसकी कमी न हो इस संबंध में अधीक्षक को निर्देश दिये गये हैं.
उन्होंने बताया कि पीएमसीएच और एनएमसीएच में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग की सुविधा भी उपलब्ध करा दी गयी है ताकि लगातार निगरानी हो सके, डॉक्टर्स की ट्रेनिंग कराई जा सके और लगातार फीडबैक लिया जा सके.
पटना एम्स में पहले से ही यह व्यवस्था है. एनएमसीएच से अब तक 760 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौटे हैं, जिनमें अधिकांश लोग गंभीर स्थिति में थे इसलिए लोग आशान्वित रहें,
मन में निराशा का भाव न रखें. डॉक्टर्स हमारे फ्रंटलाइन सोल्जर्स हैं इसलिए हर परिस्थिति में उनके मनोबल को बनाये रखना है.
स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना से पिछले 24 घंटे में 1,135 लोग स्वस्थ हुए हैं. अब तक 19,876 लोग कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं और इस प्रकार बिहार का रिकवरी रेट 66.11 प्रतिशत है.
21 जुलाई से अब तक कोविड-19 के 730 मामले मामले सामने आए हैं, जबकि 20 जुलाई और पहले के 772 कोरोना संक्रमण के नए मामले भी सामने आए हैं.
वर्तमान में बिहार में कोविड-19 के 9,981 एक्टिव मरीज हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 10,015 सैंपल्स की जांच की गई है और अब तक की गई कुल जांच की संख्या 4,09,088 है.
सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि सभी चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल के लिए नियंत्रण कक्ष फंक्शनल हो गए हैं ताकि नियंत्रण कक्ष के माध्यम से मरीजों की समस्याओं का निदान हो सके.
अनुमंडल अस्पतालों तक एंटीजन टेस्टिंग सुविधा का विस्तार किया जा चुका है और क्रमबद्ध रूप से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक इसका विस्तार किया जा रहा है.
कई जिलों में पीएचसी स्तर पर यह जांच शुरू हो चुकी है और कई जिलों में यह प्रक्रियाधीन है. इस सप्ताह के अंत तक राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कोविड-19 जांच की व्यवस्था कारगर ढंग से शुरू हो जाएगी.