बड़ी खबर :सीएम योगी ने IPS अपर्णा, DSP मनोज सहित 4 को किया निलंबित
उत्तर प्रदेश में कानपुर की घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज हैं. बर्रा थाना क्षेत्र के सुजीत यादव के अपहरण और हत्या मामले में लापरवाही का दोषी मानते हुए
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त कार्रवाई करते हुए आईपीस अफसर सहित कई पुलिसकर्मियों के निलंबन का फरमान सुना दिया है.
इन 4 पुलिस अफसरों पर गिरी गाज
सीएम के निर्देश के बाद शासन से मिली जानकारी के अनुसार जनहित में अपर पुलिस अधीक्षक, दक्षिणी कानपुर नगर, आईपीएस अपर्णा गुप्ता और मनोज गुप्ता तत्कालीन सीओ को निलंबित कर दिया गया है.
इसके अलावा लापरवाही बरतने के आरोप में पूर्व प्रभारी निरीक्षक थाना बर्रा रणजीत राय और चौकी इंचार्ज राजेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है.
यही नहीं अपहरण की घटना में फिरौती के लिए पैसे दिए गए या नहीं? इस संबंध में एडीजी, पुलिस हेडक्वार्टर्स लखनऊ बीपी जोगदंड को तत्काल कानपुर पहुंचकर जांच के लिए निर्देश दिया गया है.
बता दें कानपुर के बर्रा से अपहृत लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण मामले में गुरुवार देर रात बुरी खबर आई है. पुलिस के अनुसार युवक की हत्या की जा चुकी है.
पुलिस अभी भी युवक की लाश की बरामदगी नहीं कर सकी है, तलाश जारी है. उधर युवक की मौत की सूचना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. पुलिस ने मामले में 5 लोगों को हिरासत में लिया है.
बता दें एक महीने से अपहरण के इस मामले में कानपुर पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है. इस किडनैपिंग केस में पुलिस पर आरोप भी लगे हैं कि उसने अपहृत युवक के परिजनों से अपहरणकर्ताओं को 30 लाख रुपए भी दिलवा दिए.
26 या 27 जून को ही हत्या: एसएसपी
एसएसपी दिनेश कुमार ने बताया कि बर्रा थाना पर 23 जून को शिकायत दर्ज हुई थी, जिसे 26 को एफआईआर दर्ज की गई थी. 29 जून को फिरौती का कॉल आया. इसे लेकर क्राइम ब्रांच और सर्विलांस सेल की टीम गठित की गई.
इस टीम ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है. इसमें उसके कुछ दोस्त और संजीत के साथ अन्य पैथोलॉजी में काम कर चुके लोग शामिल हैं. इनके द्वारा कबूला गया है कि संजीत की इन्होंने 26 या 27 जून को ही हत्या कर दी थी
और पांडु नदी में शव को बहा दिया अलग-अलग टीम गठित करके शव की तलाश की जा रही है. वहीं मोबाइल और मोटरसाइिकल की बरामदगी के लिए भी जानकारी की जा रही है.
बता दें कि एक सप्ताह पहले पुलिस की आंखों के सामने अपहरणकर्ता रुपयों से भरा बैग लेकर फरार हो गए और पुलिस हाथ मलती रह गई
जिसके बाद एसएसपी कानपुर ने पीड़ित परिवार से मिलकर 4 दिन के भीतर युवक की बरामदगी का भरोसा दिया था. यह अवधि भी बीत गई लेकिन इसमें पूरी तरह फेल रही.
सर्विलांस सेल कॉल को ट्रेस नहीं कर पाई
बता दें कि बर्रा थाना क्षेत्र में रहने वाला 30 साल का संजीत एक अस्पताल में लैब टेक्नीशियन था. 22 जून की शाम अस्पताल से घर के निकला लेकिन पहुंचा नहीं, उसके एक सप्ताह बाद 29 जून को फिरौती के लिए पहला फोन आया.
जिसके बाद पान की गुमटी से परिवार का गुजर-बसर करने वाले संजीत के पिता चमन लाल ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. पुलिस ने नंबर नोट करने के बाद उन्हें हिदायत दी कि जब भी अपहरणकर्ता का फोन आए
तो वह लंबी बात करें लेकिन बर्रा थाना पुलिस और सर्विलांस सेल कॉल को ट्रेस कर अपहरणकर्ता की लोकेशन का पता नहीं लगा पाई. अपहरणकर्ता लगातार 30 लाख की फिरौती न देने पर युवक की हत्या करने की धमकी दे रहे थे.