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SBI ने अपने खाताधारकों को फिशिंग हमलों के प्रति किया आगाह, बैंक ने बताए बचने के ये उपाय

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने खाताधारकों को फिशिंग हमलों के प्रति आगाह किया है। कोरोनावायरस महामारी के बाद घर में रहकर नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करने से ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि हुई है। एसबीआई के 7 करोड़ 50 लाख ग्राहक इंटरनेट बैंकिंग सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं, जबकि 1 करोड़ 70 लाख के करीब मोबाइल बैंकिंग सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं।

SBI ने अपने ग्राहकों को अपना खाता सुरक्षित करने के उपाय सुझाए हैं। एसबीआई ने ट्वीट में कहा, ‘फिशर्स से सावधान रहें! इंटरनेट पर आपको मिलने वाले सभी संचार से सावधान रहें। सुरक्षित रहने के लिए इन सरल सुरक्षा उपायों का पालन करें।’

फिशिंग क्या है?

फिशिंग के जरिये एक व्यक्ति को नकली ईमेल, वेबसाइट का उपयोग करके फंसाया जाता है और उसे लॉगिन और अन्य डिटेल जैसे पता, संपर्क नंबर और जन्म तिथि जैसी संवेदनशील जानकारी दर्ज करने के लिए कहा जाता है। जब वह किसी ईमेल या वेब लिंक पर क्लिक करता है, तो वह असली की तरह लगता है पर वह नकली वेबसाइट पर ले जाता है।

कैसे करें बचाव

1) किसी अज्ञात संस्था से किसी भी फाइल को डाउनलोड या खोलने से बचें।

2) किसी भी व्यक्तिगत जानकारी को साझा करने से पहले भेजने वाले की ईमेल आईडी देखें।

3) एंटीवायरस, एंटीस्पायवेयर और फ़ायरवॉल सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें।

4) अपने वेब ब्राउज़र को नियमित रूप से अपडेट करें और फिशिंग फ़िल्टर को एक्टिव करें।

आपको क्या नहीं करना चाहिए

1) संदिग्ध ईमेल या सोशल मीडिया संदेशों का जवाब न दें।

2) व्यक्तिगत चीजों के लिए कंपनी ई-मेल पते का उपयोग न करें।

3) बैंक डिटेल मांगने वाले फोन कॉल का जवाब न दें।

4) पुरस्कार प्राप्त करने के लिए व्यक्तिगत डिटेल मांगने वाले किसी भी संदेश का जवाब न दें।

20 जून को सरकार ने एक बड़े फिशिंग हमले की चेतावनी दी थी जिसमें पूरे भारत में COVID-19 के फ्री टेस्ट का दावा किया जा रहा था। SBI ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा था, ‘साइबर क्रिमिनल 2 मिलियन व्यक्तिगत/नागरिक की ईमेल आईडी का दावा कर रहे हैं और निम्नलिखित शहरों के निवासियों से व्यक्तिगत विवरण के लिए फ्री COVID-19 टेस्टिंग विषय के साथ ईमेल भेजने की योजना बना रहे हैं।

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