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कोविड-19 : रोगियों की संख्या के मामले में दिल्ली का स्थान 12वां

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के नए केस में लगातार कमी आ रही है. ऐसे में दिल्ली सरकार ने तीन दिनों के अंदर 200 से ज्यादा कंटेनमेंट ज़ोन इलाकों को खत्म कर दिया है.

सरकार के इस कदम से करीब 2 लाख 40 हज़ार लोगों को राहत मिली है. रेड ज़ोन में आने के चलते पहले इन इलाकों में कई तरह की पाबंदियां थी.

दिल्ली सरकार ने कंटेनमेंट ज़ोन खत्म करने की ये मुहिम 28 से 30 जून के बीच चलाई थी. इस बात की जानकारी दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने शनिवार को दी.

कंटेनमेंट ज़ोन को जल्दी खोलने का फैसला केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के बाद किया गया. 29 जून को केंद्र सरकार ने कहा कि अब आखिरी मरीज़ के ठीक होने के 14 दिन बाद ही कंटेनमेंट ज़ोन को खोल दिया जाएगा.

पहले ऐसा 28 दिनों के बाद किया जाता था. शनिवार की समीक्षा के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल के सामने पेश किए गए आंकड़ों से पता चला कि 27 जुलाई को दिल्ली में 715 कंटेनमेंट ज़ोन थे.

इन इलाकों में 348,099 लोग सख्त लॉकडाउन नियमों का पालन कर रहे थे. अब 31 जुलाई के बाद सिर्फ 496 कंटेनमेंट ज़ोन रह गए हैं जहां 106,211 लोग रहते हैं.

सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक, आबादी के लिहाज से दिल्ली में अब तक का सबसे बड़ा कंटेनमेंट ज़ोन उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सी ब्लॉक, मंगोलपुरी में है. इसे 22 मई को अधिसूचित किया गया था

और लॉकडाउन के तहत लगभग 3,000 निवासी थे. इसके बाद मध्य दिल्ली का जवाहर नगर और उत्तरी दिल्ली का ब्लॉक 1, सेक्टर 17, रोहिणी कंटेनमेंट ज़ोन हैं.

कोविड-19 के इलाज करा रहे रोगियों की संख्या के मामले में दिल्ली का स्थान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 12वां है. डेढ़ महीने पहले दिल्ली दूसरे स्थान पर थी.

दिल्ली में संक्रमण के मामलों के दोगुने होने की दर इस समय करीब 50 दिन है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ये औसत करीब 32 दिन है.

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