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तेजस्वी यादव ने बंगराघाट पुल उद्घाटन को लेकर सीएम नीतीश कुमार को घेरा

सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 508.98 करोड़ रुपए की गंडक नदी के बंगराघाट पर उच्चस्तरीय पुल के उद्घाटन के साथ ही पथ निर्माण विभाग की 5024 करोड़ रुपये की 217 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया.

हालांकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी का कहना है कि पुल निर्माण काम पूरा हुए बिना ही उद्घाटन किया गया है. इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार को घेरा, कहा- आज उन्होंने इतिहास रचने का काम किया है. एक तरफ उद्घाटन किया जा रहा है दूसरी तरफ यह पुल धंस रहा है.

तेजस्वी यादव ने पीसी में लाइव कॉल करके बंगराघाट के टूटे सड़कों का लाइव वीडियो दिखाया. वीडियो दिखाने के बाद उन्होंने पूछा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतनी जल्दबाजी में क्यूं हैं.

वो लगातार जल्दबाजी में उद्घाटन किए जा रहे हैं. लेकिन बिना काम पूरा हुए उद्घाटन करना, कल को कोई हादसा हो जाएगा तो जवाबदेही किसकी होगी.

मैं नीतीश कुमार को खुली बहस की चुनौती देना चाहता हूं. वो बताएं 1999-2004 तक वो केन्द्र के मंत्री थे इस दरम्यान उन्होंने बिहार को क्या दिया.

वहीं, यह बात सब जानते हैं कि 2004-2009 तक लालू जी ने बिहार के लिए क्या काम किया. ऐसे में अगर हिम्मत है तो खुली बहस करें.

बिहार कर्ज पर कर्ज लिए जा रहा है. लेकिन यह पैसा केवल भ्रष्टाचार में बह रहा है. सत्तारघट घाट के समय हमने बोला था कार्रवाई कीजिये लेकिन क्या किसी पर कोई कार्रवाई हुई?

नीतीश कुमार को अपनी अंतरात्मा जगानी चाहिए. डूबा हुआ पैसा वो कहां से रिकवर करेंगे? सत्तारघट मामले में भी उनको पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव को बर्खास्त करना चाहिए. हालांकि उद्घाटन उन्होंने की है तो इस्तीफा तो उन्हें देना चाहिए.

तेजस्वी ने यह भी कहा की पिछली बार दुनिया के लोगों ने क्या-क्या चर्चा नहीं की पुल को लेकर, फिर भी उद्घाटन कर रहे हैं. आज हद हो गई वो तो उद्घाटन के 29 दिन बाद टूटा था,

यह तो एक तरफ उद्घाटन हो रहा और एक तरफ पुल बह रहा है वो सच क्यूं नहीं बताते हैं. हमलोग लगातार सरकार को सचेत करते रहे हैं, लेकिन सरकार को बिहार और बिहार की जनता का फिक्र नहीं है.

आगे कहा 509 करोड़ की रकम मामूली नहीं है. यह एक मेगा प्रोजेक्ट था. लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है बिहार का कितना पैसा इसी तरह टूट कर बह कर बर्बाद हो गया, भर्ष्टाचार की बली चढ़ गया.

हम तो कहते हैं मुख्यमंत्री जो हैं वो भर्ष्टाचार के भीष्म पितामह हैं. कैसा है बिहार में बहार? सब ओर भर्ष्टाचार है, लोग तबाह हैं और आप भर्ष्टाचार करके लोगों का पैसा लुटवा रहे हैं. जवाब कौन देगा? जवाब में गाली देते हैं. गाली दीजिये लेकिन जिम्मेदारी निभाइये.

तेजस्वी आगे कहते है की विधानसभा में रहते नहीं है. पहली बार ऐसा हुआ कि सीएम और डिप्टी सीएम नहीं सदन में नहीं रहे. आपको रहना चाहिए था.

वहीं जितने सवाल पूछे उसका कोई जवाब नहीं मिला. इनके राज में हर विभाग में भर्ष्टाचार हो रहा है. यह आम जनता का पैसा है जो भर्ष्टाचार में बहाया जा रहा है. हमने कई बार सवाल पूछा लेकिन यह लोग कन्नी कटाते रहते हैं

इधर, तेजस्वी के सवालों का जवाब देते हुए जेडीयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि घोर कलियुग है कि चरवाहा विद्यालय को रोल मॉडल मानने वाले, धारा 420 के आरोपी तेजस्वी यादव जिनके पिता धारा 420 के मामले में सजायाफ्ता हैं, वो भ्रष्टाचार पर प्रवचन दे रहे हैं.

उन्होंने कहा की नेता प्रतिपक्ष जिस लालूवाद को विचारधारा मान शिरोधार्य किए हुए हैं उनके 15 वर्ष के शासनकाल में बिहार में एक भी पुल का निर्माण तो हुआ नहीं, पढ़ाई लिखाई से इनका कभी कोई वास्ता रहा नहीं.

तो स्वाभाविक रूप से इन्हें एहसास कहां होगा कि अंतरराष्ट्रीय नदियों का कहर बिहार को कैसे झेलना पड़ता है. अत्यधिक वर्षापात के कारण बंगरा घाट पुल के संपर्क पथ में थोड़ी परेशानी हुई है.

साथ ही उन्होंने कहा कि इनके माता पिता के 15 वर्षों के शासनकाल में तो गोपालगंज, सीवान, सारण और मुजफ्फरपुर के लोगों को संपर्कता की कोई सुविधा दिया नहीं.

अधिक बारिश की वजह से अंतरराष्ट्रीय नदियों के अधिक जलस्त्राव के कारण एप्रोच रोड में परेशानी तो आज नहीं हुई है, ये तो 15-20 दिन पहले हुआ था, जिसपर विभाग ने त्वरित संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू कर दिया है.

पुल के निर्माण में गुणवत्ता की कसौटी पर कहीं कोई शक की गुंजाइश खड़ा नहीं कर सकता. ये तो प्राकृतिक आपदा है. नेता प्रतिपक्ष तो संपत्ति के वर्षापात वाले हैं उन्हें वर्षापात कहां समझ आएगा.

उन्होंने कहा कि विकास के मुद्दे पर अगर तेजस्वी यादव बहस करना चाहते हैं तो इनके लिए तो गोपालगंज जिले के फुलवरिया प्रखंड के इनके पैतृक गांव फुलवरिया के हमारी पार्टी के पंचायत अध्यक्ष योगेंद्र राम जी ही काफी हैं.

ये उनसे बहस कर लें, वो इन्हें आइना दिखा देंगे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए बिहार में कौन-कौन सी योजनाओं को अंजाम दिया और 15 वर्षों में इनके माता पिता ने फुलवरिया सहित पूरे बिहार के विभिन्न स्थानों पर क्या-क्या संपत्ति अर्जित करने का काम किया.

उन्होंने कहा कि हास्यास्पद है कि जो व्यक्ति खुद धारा 420 का आरोपी हो, वो अपनी तुलना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से करने की हिमाकत करता है. ये राजनीति का दुर्भाग्य है कि विपक्ष का नेता दफा 420 का आरोपी है और उसके पिता धारा 420 के सजायाफ्ता.

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