विजिलेंस कार्यालय को जर्जर भवन से मुक्ति मिलने की जगी उम्मीद
विजिलेंस कार्यालय को जर्जर भवन से मुक्ति मिलने की उम्मीद जग गई है। मंगलवार को निरीक्षण के लिए पहुंचे एडीजी विजिलेंस वीपी रामाशास्त्री ने जिलाधिकारी अनुज झा से नया भवन मुहैया कराने की अपेक्षा की। डीएम आवास के सामने स्थित विजिलेंस कार्यालय दशकों से जर्जर भवन में संचालित हो रहा है। भवन की हालत इस कदर बदहाल है कि यहां काम करने वालों के साथ हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है। निरीक्षण के दौरान जर्जर भवन के नीचे कार्य करते मातहतों को देख एडीजी ने दूसरा भवन देखने को कहा। एडीजी ने नए सरकारी भवन की अपेक्षा की जिससे वहां स्थानांतरित किया जा सके।
विजिलेंस से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 1973 से इसी भवन में विजिलेंस कार्यालय चल रहा है। भवन अब जर्जर हो चुका है। कई बार इसके लिए मुख्यालय से पत्राचार भी किया गया, लेकिन अभी तक कार्यालय को नया भवन नहीं मिला। एडीजी ने एसपी विजिलेंस निधि सोनकर व कर्मचारियों को सुरक्षित छत मुहैया कराने के लिए भरोसा दिलाया।
एडीजी ने विभागीय समीक्षा के दौरान कहाकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में विजिलेंस की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए जांच व विवेचना का निस्तारण गुणवत्तापरक ढंग से किया जाए। करीब 22 जांच लंबित है, जिन्हें जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। एडीजी के सामने आरक्षियों की कमी भी सामने आई। एडीजी ने आरक्षी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। यही नहीं कार्यालय में स्टेनो व कंप्यूटर की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। एडीजी के रामलला का दर्शन करने की भी सूचना थी, लेकिन विभागीय जिम्मेदारों का कहना है कि समीक्षा बैठक के उपरांत वह लखनऊ चले गए।