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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर से वाराणसी नेशनल हाइवे के काम में देरी को लेकर अपनाया गंभीर अवतार

तीन साल पहले गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग को बनाने के लिए 2016 में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसका शिलान्यास किया. तब इस रोड से आने जाने वाले लोगों ने सोचा की कुछ दिनों में ही कष्ट खत्म हो जाएगा.

लेकिन उनका कष्ट खत्म होने की बजाए और बढ़ गया. गोरखपुर से बड़हलगंज की दूरी 60 किलोमीटर है और इतनी दूरी तय करने में इस समय 3 घंटे से भी अधिक का समय लग जा रहा है.

गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के काम में इतनी देरी हुई कि पीएमओ खुद इसकी मॉनटरिंग करने लगा. फिर काम में कुछ तेजी आई ही थी कि कोरोना का संकट आ गया और काम फिर बंद गया.पिछले हफ्ते जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक कर अधिकारियों से सवाल जवाब किया

तो उन्होंने बारिश का बहाना बनाना शुरू कर दिया. इस पर मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि 2 महीने में सड़क चलने लायक बना दिया जाए नेशनल हाइवे के अधिकारियों को डांटने के बाद सीएम ने कमिश्नर गोरखपुर से हर हफ्ते मॉनटरिंग करने के निर्देश दिए.

डीएम गोरखपुर का कहना है कि ये प्रोजेक्ट अपने समय से डेढ़ साल पीछे चल रहा है. अब काम में तेजी आये इसके लिए एसडीएम, तहसीलदार के साथ इस रोड पर पड़ने वाले थाने के थानेदारों से भी प्रगति रिपोर्ट ली जा रही है. मुख्यमंत्री के दिशा निर्देशानुसार समय से काम पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है.

बता दें बारिश के मौसम में गोरखपुर से बड़हलगंज की सड़क टूटकर बर्बाद हो गई है, लोगों के काम धंधे बंद हो गए हैं. अगर बारिश हो जाए तो लोगों को कीचड़ से निकलना होता है और अगर सूख जाए तो लोग धूल से परेशान होते हैं.

पिछले 3 साल से अधिक समय से यहां के लाखों लोगों की यही परेशानी है. जबकि अधिकारी इनकी समस्या का समाधान कागजों पर जमकर कर रहे हैं. फाइलों पर खूब पसीने बहा रहे हैं.

वहीं मामले में समाजवादी पार्टी का कहना है कि इस लेटलतीफी के कारण क्षेत्र के लाखों लोग परेशान हैं. बारिश में रोज ट्रक फंस जाते हैं, स्थानीय लोगों का रोजगार चला गया, जो लोग आटो चलाते थे, वो बेरोजगार हो गए. इस सड़क को लेकर सरकार गंभीर नहीं दिख रही है.

दुर्घटनायुक्त सड़क में तब्दील हो चुकी इस सड़क के साथ इस क्षेत्र में रहने वाले लाखों लोगों के अच्छे दिन कब आयेंगे? ये पता नहीं पर इतना जरूर है कि मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद शायद ये रोड जल्द से जल्द चलने लायक हो जाए.

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