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आगरा बस हाईजैक : मास्टरमाइंड प्रदीप गुप्ता के तीन मददगार हुए गिरफ्तार

ताज नगरी आगरा में बुधवार को फाइनेंस कम्पनी के कर्मचारियों ने सवारियों से भरी एक बस को हाईजैक मामले में शुक्रवार को पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक आरोपियों की पहचान यतेंद्र, संजय और श्रवण के रूप में हुई.

फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ में जुटी है. इससे पहले गुरुवार सुबह मास्टरमाइंड प्रदीप गुप्ता को पुलिस से मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया था. प्रदीप गुप्ता को गोली लगी है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

इससे पहले बुधवार देर शाम पुलिस ने इटावा के बलराय थाना क्षेत्र के एक ढाबे के पीछे से अगवा खाली बस UP75 M 3516 को बरामद कर लिया था. दरअसल, आगरा में बुधवार को 34 सवारियों से भरी एक बस को हाईजैक कर लिया गया. इस घटना ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दी.

शुरुआत में पता चला कि बस को श्रीराम फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी ले गए, क्योंकि किश्तों का भुगतान नहीं किया गया था. लेकिन, बाद में कहानी कुछ और ही निकली. इस पूरी घटना का मास्टमाइंड आगरा ग्रामीण इलाके के रहने वाले प्रदीप गुप्ता निकला.

इस पूरे केस में एक नया एंगल सामने आया. पूरा मामला पैसों के लेनदेन को लेकर बताया जा रहा है. बस मालिक अशोक अरोड़ा और प्रदीप गुप्ता के बीच लेनदेन का विवाद चल रहा था. इसी के चलते बदमाशों ने फाइनेंस कंपनी की कहानी गढ़ी थी. वहीं, एसएसपी आगरा ने बगैर तस्दीक़ किए फाइनेंस कंपनी की थ्योरी पर मुहर भी लगा दी.

पुलिस को गुमराह करने के लिए प्रदीप ने फाइनेंस कंपनी की कहानी गढ़ी थी. प्रदीप की कहानी में ही आगरा पुलिस उलझ गई. बता दें कि बस मालिक अशोक अरोड़ा की कल रात ही मौत हुई है.

उनके बेटे पवन ने प्रदीप गुप्ता को पहचाना तब जाकर पूरी कहानी सामने आई. बता दें कि गुरुग्राम से चली बस को आगरा में अगवा किया गया. इसके बाद यात्रियों को दूसरे बस से झांसी भेजा गया.

इस पूरे प्रकरण को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लेते हुए अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद अवनीश अवस्थी ने बताया कि आगरा के डीएम और एसएसपी से पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की गई है.

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