मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वॉरियर डॉक्टरों को लेकर किया एलान
कोरोना काल में प्रदेश के डॉक्टर फ़्रंटलाइन वरियर के तौर पर खुद को जोखिम में डालकर सैंकड़ों मरीज़ों की जान बचा रहे हैं. हालांकि इसके चलते कई चिकित्सक खुद भी संक्रमित हो गये तो कुछ की जान भी चली गयी. लेकिन प्रदेश सरकार ने कोविड के ख़िलाफ़ जान की बाज़ी लगाकर ड्यूटी कर रहे ऐसे कोरोना योद्धाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए नयी रणनीति तैयार की है.
जिसके तहत कोरोना के बढ़ते मामले और डाक्टरों की कमी के चलते यूपी सरकार ने प्रोत्साहित करने की एक योजना बनाई है. इस योजना के तहत अलग-अलग विभागों से आकर कोविड की ड्यूटी करने वाले डाक्टरों को विभाग अलग से प्रोत्साहन राशि और बीमा की सुविधा देगा.
कोरोना संक्रमण के दौर में गंभीर बीमारी से ग्रस्त संक्रमितों को बेहतर इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की मदद लेने की योजना बनाई है. ये कोशिश सफल हो सके इसके लिए अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र भेजकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है. इस पत्र के बाद एनेस्थेटिक्स, कार्डियोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट, चेस्ट फीजिशियन, स्त्री एवं बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों से कार्यालय में पंजीयन कराने को कहा है.
पंजीयन के बाद चिकित्सकों को 15 दिन कोविड-19 ड्यूटी करने पर 75 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के साथ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत बीमा किया जाएगा.कोविड ड्यूटी करने के बाद चिकित्सकों को सेवा सम्मान के साथ प्रशस्ति पत्र देकर स्वास्थ्य विभाग सम्मानित करेगा.
उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड प्रभावित लोगों को सुचारु और बेहतर चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने के लिए सभी जनपदों के जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिन में दो बार बैठक करने का निर्देश दिया है. बैठक में सामने आने वाली समस्याओं का तत्काल समाधान सुनिश्चित कराया जाए.
कोविड चिकित्सालयों में तैनात चिकित्सक एवं स्टाफ नर्स वाॅर्ड में जाकर मरीजों का उपचार करें. मुख्यमंत्री ने प्रतिदिन 1.30 लाख कोविड टेस्ट होने पर संतोष व्यक्त किया. प्रदेश में टेस्टिंग एवं कोविड अस्पतालों में बेड्स की संख्या बढ़ाने हेतु अग्रिम रणनीति बनाने पर बल भी दिया.
उन्होंने लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर नगर, गोरखपुर आदि जनपदों में संक्रमितों की संख्या को देखते हुए विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिए. सार्वजनिक स्थलों पर कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए कोई भी धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजन न किया जाए.