कालेधन के कुबेर पर आयकर की बड़ी कार्रवाई, 31 ठिकानों पर छापा
नोटबंदी के दौरान काले धन को सफेद करने वाले बुलियन कारोबारियों पर आयकर विभाग ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। आगरा, मथुरा, दिल्ली और मुंबई में 31 ठिकानों पर इन्वेस्टिगेशन विंग ने सुबह साढ़े छह बजे कार्रवाई शुरू की। कुल 24 इकाइयों को सर्च वारंट जारी किए गए। वहीं सात इकाइयों पर लिंक सर्वे हुआ। इसे उत्तर प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है और करोड़ों की अघोषित आय का पर्दाफाश होने की उम्मीद है।
नोटबंदी के दौरान बिना नाम और पते की रसीदें काटकर सोने-चांदी की बोगस बिक्री दिखाने वाले बुलियन व्यापारियों पर आयकर विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। कई दिनों की जांच के बाद आयकर विभाग की जांच विंग ने मथुरा के आरएस बुलियन एंड ज्वेलर्स, आगरा के सुशील चौहान उर्फ सुशीला और अजय गर्ग अवागढ़ के आवास और प्रतिष्ठानों पर छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया। विभाग ने सुबह ही किनारी बाजार, मोती कटरा, कमला नगर आदि जगह पर बाजार खुलने से पहले इस कार्रवाई को शुरू कर दिया, ताकि किसी को संभलने का मौका नहीं मिले। मौके से मिले कागजों के आधार पर नोटबंदी के दौरान सोना-चांदी खरीदने के नाम पर कारोबारियों ने करोड़ों रुपये के काले धन को सफेद किया।
विभाग की कार्रवाई प्रधान आयकर आयुक्त जांच अमरेंद्र कुमार के नेतृत्व और संयुक्त आयकर आयुक्त जांच तरुण कुशवाह के निर्देशन में संपन्न हुई। पूरी कार्रवाई को देहरादून, आगरा, मेरठ, गाजियाबाद, कानपुर और नोएडा की 31 टीमों ने अंजाम दिया।
123 करोड़ की दिखाई कैश बिक्री
कानपुर से आए प्रधान आयकर आयुक्त जांच अमरेंद्र कुमार ने बताया कि यह कार्रवाई मुख्य रूप से मथुरा के आरएस बुलियन एंड ज्वेलर्स के मालिक नीरज अग्र्रवाल और उनकी पत्नी नेहा अग्र्रवाल के साथ आगरा के सराफा कारोबारी सुशील चौहान और अजय गर्ग अवागढ़ के प्रतिष्ठानों पर अंजाम दी गई। जांच के दौरान चौंकाने वाली बात यह रही कि नोटबंदी के दौरान इन्होंने 123 करोड़ की कैश में सोने और चांदी की बिक्री दिखाई। यहां मुख्य बात यह थी, कि ज्यादातर लेनदेन 50 हजार से नीचे के दिखाए गए, ताकि खरीदार के नाम और पते की जरूरत न पड़े। वहीं 28 अक्टूबर 2016 को इन्होंने एक ही दिन में 37 करोड़ के सोने की बिक्री कर दी। जबकि इससे पहले और बाद में लेन-देन सामान्य थे। इसी कारण यह विभाग के रडार पर आए। विभाग को मथुरा के आरएस बुलियन और आगरा के सुशील चौहान व अजय गर्ग अवागढ़ के बीच आपस में लेनदेन के पुख्ता सुबूत मिले हैं।