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शिक्षाविदों ने PM मोदी को लिखी चिट्ठी परीक्षा कराने का किया आग्रह : NEET-JEE

कोरोना वायरस महामारी की वजह से स्कूल-कॉलेज 6 महीने से बंद पड़े हैं. कई प्रतियोगी परीक्षाएं भी रद्द हो गईं. हालांकि, सरकार ने नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट और मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा 1 सितंबर से करने की बात कही है. इस बीच भारत और विदेशों के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 150 से अधिक शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर वक्त पर परीक्षाएं कराने का आग्रह किया है. उनका कहना है कि अगर जेईई और नीट परीक्षा कराने में और देरी हुई, तो छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा.

कोविड-19 संक्रमण के मामलों के मद्देनजर सितंबर में इन परीक्षाओं के आयोजन के खिलाफ हो रहे विरोध का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में शिक्षाविदों ने कहा कुछ लोग अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए छात्रों के भविष्य के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं. युवा और छात्र राष्ट्र का भविष्य हैं, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण उनके करियर पर अनिश्चितताओं के बादल छा गए हैं. प्रवेश और कक्षाओं के बारे में बहुत सारी आशंकाएं हैं, जिन्हें जल्द से जल्द हल करने की जरूरत है.

चिट्ठी में कहा गया है कि हर साल की तरह इस साल भी लाखों छात्रों ने अपनी कक्षा 12 की परीक्षाएं दी हैं और अब प्रवेश परीक्षाओं का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं. इसलिए परीक्षाएं समय पर ही होनी चाहिए.

शिक्षाविदों ने अपनी चिट्ठी में कहा सरकार ने जेईई और नीट की तारीखों की घोषणा की है … परीक्षा आयोजित करने में किसी भी तरह की देरी से छात्रों का कीमती साल बर्बाद हो जाएगा. हमारे युवाओं और छात्रों के सपनों और भविष्य के साथ किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जा सकता है.

पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में दिल्ली विश्वविद्यालय, इग्नू, लखनऊ विश्वविद्यालय, जेएनयू, बीएचयू, आईआईटी दिल्ली और लंदन विश्वविद्यालय, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ यरुशलम और इजराइल के बेन गुरियन विश्वविद्यालय के भारतीय शिक्षाविद शामिल हैं.

उन्होंने कहा, हम मानते हैं कि केंद्र सरकार पूरी सावधानी बरतते हुए जेईई और नीट परीक्षाएं आयोजित कर लेगी, ताकि छात्रों के भविष्य का ध्यान रखा जा सके और 2020-21 के लिए एकैडमिक कैलेंडर तैयार किया जा सके.

बता दें कि NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक छात्रों को परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने से पहले मास्क और ग्लव्स पहनने अनिवार्य होंगे. इसके साथ ही हैंड सेनेटाइजर और पानी की निजी बोतल साथ लानी होगी. छात्रों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए उन्हें एग्जाम सेंटर्स पर नए तीन लेयर वाले मास्क दिए जाएंगे. ताकि वो अपने पुराने मास्क का इस्तेमाल न करें.

PM मोदी को 150 शिक्षाविदों ने लिखी चिट्ठी, वक्त पर परीक्षा कराने का किया  आग्रह

भीड़ को रोकने के लिए रिपोर्टिंग टाइमिंग को भी टुकड़ों में विभाजित किया जाएगा. स्कैनिंग के दौरान ज्यादा तापमान वाले छात्रों को अलग आइसोलेशन रूम में ले जाने की सुविधा होगी.

एग्जाम सेंटर्स पर पहुंचने के बाद हर छात्र को साबुन और पानी से हाथ धोने अनिवार्य होंगे. एग्जाम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखा जाएगा. टेस्ट के दौरान छात्रों के बीच 6 फीट की दूरी सुनिश्चित की जाएगी. छात्रों को एग्जाम से पहले बताना होगा कि उन्हें कोरोना वायरस नहीं है और न ही कोई अन्य लक्षण है.

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