नगर विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने किसकी की डिप्टी सीएम केशव मौर्य से शिकायत
नगर बीजेपी विधायक और सांसद की गुटबाजी खुलकर सामने आ गयी है. सोशल मीडिया पर जमकर वार हो रहे हैं. इस झगड़े का कारण PWD विभाग का एक सहायक अभियन्ता केके सिंह हैं. जिस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ डिप्टी सीएम केशव मौर्या से नगर विधायक राधामोहन दास अग्रवाल ने शिकायत कर दी. इधर इंजीनियर के पक्ष में बीजेपी सांसद रवि किशन और अन्य विधायक भी आ गये.
दरअसल गोरखपुर-देवरिया रोड पर सिंघड़िया के पास पिछले साल तक बारिश के महीने में रोड पर पानी भर जाता था. जिससे आने जाने में लोगों को परेशानी होती थी. रवि किशन जब सांसद बने तो उन्होंने इस समस्या का सामाधान करने के लिए पीडब्लूडी विभाग से बात की और सड़क को ऊंचा करवा दिया. जिससे सड़क पर इस बार बारिश में पानी नहीं भरा. पर सड़क की ऊंचाई बढ़ा देने से अगल बगल की कॉलोनी में जलभराव की स्थिती पैदा हो गयी.
इसी बात को सदर विधायक राधामोहन दास अग्रवाल ने विधानसभा सत्र में उठा दिया और डिप्टी सीएम केशव मौर्य से मिलकर कार्रवाई की मांग की. डिप्टी सीएम ने इंजीनियर को लखनऊ अटैच करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद पीडब्लूडी इंजीनियर सहायक अभियन्ता केके सिंह के पक्ष में सबसे पहले सांसद रवि किशन ने चिट्ठी लिखी.
उन्हीने डिप्टी सीएम केशव मौर्य को चिट्ठी लिखते हुए कहा कि केके सिंह मेहनती, लगनशील और तकनीकी रूप से दक्ष अभियन्ता है. इनके अथक प्रयासों से गोरखपुर-देवरिया फोर लेन का काम तेजी से चल रहा है. इनके लखनऊ अटैच करने पर मेरे क्षेत्र का विकास कार्य प्रभावित होगा.
उसके बाद ग्रामीण विधायक, सहजनवा विधायक, पिपराइच विधायक ने डिप्टी सीएम केशव मौर्या को चिठ्ठी लिखी. इन विधायकों ने भी लिखा कि अगर केके सिंह का ट्रांसफर कर दिया जाता है तो उनके विधानसभा क्षेत्र का विकास कार्य प्रभावित होगा. इसके बाद सदर विधायक राधामोहन दास अग्रवाल के पक्ष में बांसगांव सांसद कमलेश पासवान ने भी फेसबुक पर पोस्ट लिख दी.
जिसमें लिखा कि डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल जी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में मै आपके साथ खड़ा हूं, और हम सब जानते है कि हमारे क्षेत्रों में जो भी विकास कार्य हो रहे है उनकी क्या गुणवत्ता है ???? हालांकि अभी कोई भी पक्ष कैमरे के सामने बोलने के लिए आगे नहीं आ रहा है. पर जिस तरह से सोशल मीडिया पर लड़ाई चल रही है उससे तो तय है कि आने वाले समय में ये जंग और भी रोचक होगी, वो भी एक सहायक अभियंता के नाम पर.