बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव ने कहा झूठा
बिहार में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर हैं. तेजस्वी यादव के तेवर नर्म होते नहीं दिख रहे. इसी क्रम में शनिवार को तबीयत खराब होने के अफवाह के बीच तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्हें झूठा करार दिया है. सूबे के ऐसे मुद्दे जिसपर सरकार बात नहीं कर रही तेजस्वी ने उन सभी मुद्दों को उठाते हुए नीतीश सरकार पर सवालों की झड़ी लगा दी है.
तेजस्वी यादव ने कहा जो मुख्यमंत्री सदन में झूठ बोलता हो उसपर बिहार की जनता कैसे विश्वास करे. उन्होंने झूठ ही नहीं मिसगाइड किया कि सदन में लोग मास्क न पहनें. इन्होंने तो जो मजदूर ट्रेन से आए उनसे भी पैसा वसूला. ये सबसे बड़े झूठे मुख्यमंत्री हैं. मजदूरों की बात हो, आंकड़ों की बात हो, पैकेज की बात हो हर जगह झूठ. उनका एजेंडा है कि सच छुपाओ लोग भूल जाएंगे. केवल शिलान्यास करो. मेरा सवाल है कि अभी शिलान्यास क्यूं कर रहे हैं? क्या चार साल से सब कुछ दबा रखे थे कि चुनाव आने पर करेंगे इस कोरोना काल में?
तेजस्वी यादव ने सूबे में बाढ़ की स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा बाढ़ से बिहार के 16 जिले 130 प्रखंड और 84 लाख आबादी प्रभावित है. हमारे कई बार कहने के बाद दो बार ही मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वे किया है. उन्होंने प्रोएक्टिव होकर कोई काम नहीं किया है. बाढ़ में केवल दो से तीन दिन ही दिखावे के लिए राहत सामग्री का वितरण किया गया.
कई तटबंध, पुल-पुलिया, बांध और कई नए अप्रोच रोड टूटे. ऐसे में जब 84 लाख आबादी प्रभावित है तो आपने राहत पहुंचाने के लिए क्या तैयारी की है? क्या एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर सिर्फ फोटोशूट के लिए बुलाया गया था? क्या आपने इसके लिए केंद्र से सहायता मांगी है? और अगर केंद्र की ओर से मदद मिला तो क्या मिला?
तेजस्वी यादव ने कहा एयर टिकट कटा कर लोग मजदूरों को ले जा रहे हैं. अभी प्लेन से सफर करने वालो में अधिक आबादी मजदूरों की है. नीतीश सरकार में हर दूसरा परिवार रोजगार के लिए पलायन कर रहा है. उन्होंने अपने लोगों को अपनाने से इंकार कर दिया, जो आबादी आई उसे क्रिमिनल चोर और बदमाश कहा गया
उन्होंने कहा राज्य में बाढ़ और कोरोना की दोहरी मार से स्थिति भयावह है. हमने डबल इंजन सरकार के खिलाफ आवाज उठाया लेकिन सरकार कभी गंभीर नहीं दिखी. उनको बिहार की चिंता नहीं, उन्हें केवल अपनी कुर्सी की चिंता है. सदन में भी सरकार कोरोना और बाढ़ पर सीरियस नहीं है.
उन्होंने कमेटी गठन की बात कही थी जो कोरोना या बाढ़ के लिए काम करती लेकिन वो कमिटी आजतक नहीं बनी. ऐसे में जिस तरह से लालू प्रसाद यादव ने आरजेडी शासनकाल में सामाजिक न्याय किया था,अगर हमारी सरकार आती है तो हम सामाजिक न्याय के साथ आर्थिक न्याय भी करेंगे.