गोरखपुर का हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश यादव प्रॉपर्टी डीलर लखनऊ मारा गया
राजधानी लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र के सेक्टर 14 स्थित बरौली क्रॉसिंग के पास बुधवार ह दिन दहाड़े एक प्रॉपर्टी डीलर की गोली मारकर हत्या कर दी गई. शुरुआत जांच में पुलिस को पैसे को लेनदेन को लेकर हत्या किए जाने का शक है. मृतक दुर्गेश यादव पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई.
जिसके बाद उन्हें ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. लेकिन पुलिस की तफ्तीश में खुलासा हुआ कि मारा गया दुर्गेश यादव प्रॉपर्टी डीलर नहीं बल्कि गोरखपुर का हिस्ट्रीशीटर था. जिसके खिलाफ लूट ,रंगदारी, फर्जीवाड़े के 8 मुकदमे गोरखपुर में दर्ज थे. वह राजधानी में प्रॉपर्टी डीलर का चोला ओढ़कर रह रहा था. इतना ही नहीं दुर्गेश की हत्या का आरोपी मनीष यादव को भी पुलिस ने गिरफ्तारकर लिया है.
बुधवार को पीजीआई इलाके में दुर्गेश यादव की हत्या की जांच करने जब पुलिस पहुंची तो उनकी आंखें खुली रह गई. जिस मकान में दुर्गेश रहता था वो सचिवालय के एक समीक्षा अधिकारी का था. कमरे में हर जगह खून बिखरा था. इससे साफ हो रहा था कि दुर्गेश और आरोपियों में मारपीट हुई थी. कमरे की तलाशी ली गई तो भारी मात्रा में फर्जी मार्कशीट और नौकरियों से जुड़े हुए दस्तावेज मिले. सचिवालय से जुड़े हुए भी कई कागजात और मुहर पुलिस को मौके से मिली.
पुलिस ने जब गहनता से छानबीन की तो पता चला कि मारा गया दुर्गेश यादव गोरखपुर के उरुवा बाजार थाने का हिस्ट्रीशीटर था, जिसके खिलाफ लूट ,रंगदारी, फर्जीवाड़े के 8 मुकदमे गोरखपुर में दर्ज थे.सूत्रों के मुताबिक दुर्गेश के खिलाफ राजधानी लखनऊ में भी एफआईआर दर्ज हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक ये पूरा मामला फर्जी मार्कशीटों के जरिए सरकारी नौकरी के नाम पर ठगने वाले गिरोह से जुड़ा हो सकता है.
इस मामले में पुलिस ने आरोपी मनीष यादव को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि मनीष की साथी गोमतीनगर निवासी पलक अब भी फरार है. शुरुआती पूछताछ में दुर्गेश और मनीष के बीच लाखों के लेनदेन का मामला सामने आ रहा है. बताया जा रहा है कि एक बड़ी रकम सरकारी नौकरियों के नाम पर फर्जीवाड़ा करके जमा की गई थी. मनीष के बाद अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूरे मामले का खुलासा करेगी.