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महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ के पुण्यतिथि समारोह में बोले सीएम योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गोरखनाथ मंदिर में महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ के पुण्यतिथि समारोह के तहत आयोजित श्रीराकथा ज्ञानयज्ञ के समापन अवसर पर कहा कि ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ के प्रयासों को उनके गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने किस तरह से आगे बढ़ाया और आज हम उनके प्रयासों से कहां तक पहुंचे हैं.

उन्‍होंने कहा कि शिक्षा परिषद के आचार्यो को देखना चाहिए कि नित नए विकास के लिए कैसे कार्य किया जाए. एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाने के लिए आगे बढ़ाने के लिए लोकमंगल के पथ पर हम कैसे बढ़ सकते हैं. ये हमें इस प्रतिस्पर्धा में देखना होगा.

CM Yogi Adityanath said construction of Ram temple is the best work of  Lokmangal

योगी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना काल में गोरक्षपीठ और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद ने अनवरत शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाया है. ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि एक दिन के अंतराल पर पड़ती है. दोनों की पुण्यतिथि हमें कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर देता है. दोनों ब्रह्मलीन महंत ने इस पीठ और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के बारे में क्या सोचा था. अपनी कमियों का मूल्यांकन करते हुए सफलता के पथ ऊपर बढ़ सकें. हमारा प्रत्येक दिन हमें कुछ नया करने के लिए प्रेरित करता है.

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उन्होंने कहा कि 500 वर्षों के बाद जब आज राम मंदिर बनने जा रहा है. कोई उनके संघर्षों का परिणाम है. ये श्रद्धांजलि कार्यक्रम अपने मूल्यांकन का भी अवसर देता है. ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज के प्रयास को ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने किस तरह से आगे बढ़ाया. ये कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए. हम आज यहां तक पहुंचे हैं, ये उनके प्रयासों का फल है. सीएम योगी ने कहा कि राम मंदिर निर्माण भारत के स्वाभिमान, सम्मान और गौरव को दुनिया के सामने रखने का अवसर दे रहा है.

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समापन अवसर पर बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि जातिवाद, क्षेत्रवाद, जातीयता और किसी भी भेदभाव को छोड़कर सबके लिए कार्य किया. दोनों ब्रह्मलीन महंतों के श्रद्धांजलि के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है. महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और गोरखपुर की ओर से कोविड-19 के नियमों के पालन करते हुए. इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया है. इन दोनों महापुरुषों के 125वीं और शताब्दी जयंती वर्ष कार्यक्रम मनाया गया. ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन महंत आदित्यनाथ के श्रद्धांजलि के अवसर पर हमें अपने मूल्यांकन करने की भी आवश्यकता है.

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