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यूपी में विधानसभा की 8 सीटों पर उपचुनाव जल्द होंगे जाने कौन-कौन हो सकता है बीजेपी का प्रत्याशी

यूपी में विधानसभा की 8 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. ऐसे में सभी पार्टियों के प्रत्याशी अपने अपने क्षेत्र में ताकत झोंके हुए हैं कि आलाकमान की नजर उनपर पड़ जाये और उन्हें टिकट मिल जाये. उपचुनाव है तो जाहिर तौर पर सत्ताधारी दल बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वालों की फौज सबसे ज्यादा होगी.

1. मल्हनी, जौनपुर – समाजवादी पार्टी के पारसनाथ यादव के निधन के चलते ये सीट खाली हुई है. इस सीट पर बीजेपी की बड़ी लड़ाई है. पार्टी कभी इस सीट से नहीं जीती. लिहाजा दमदार कैण्डिडेट की तलाश है. इस सीट पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कभी छात्र नेता रहे मनोज सिंह की दावेदारी मानी जा रही है. वे बरसठी से ब्लाक प्रमुख रहे हैं. इसके अलावा 2017 में बीजेपी से लड़ चुके सतीश सिंह भी लाइन में हैं.

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2012 में बसपा से चुनाव लड़ चुके हैं और अब बीजेपी के सिपाही बने पाणिनी सिंह भी दावेदारों का सूची में हैं. प्रमोद यादव का नाम भी लिया जा रहा है. इनके बारे में कहा जा रहा है कि आरएसएस के जरिये इन्हें लड़ाने की तैयारी है. हालंकि जौनपुर में इस थ्योरी की चर्चा जोरों पर है कि शायद बीजेपी ये सीट निषाद पार्टी को दे दे. उम्मीद्वार के रूप में बाहुबली धन्नंजय सिंह का नाम आगे है.

2. बांगरमऊ, उन्नाव – उन्नाव की जिला कमेटी ने बताया कि लगभग 20 लोगों ने चुनाव लड़ने के लिए आवेदन किया है. वैसे तो अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी लेकिन, कुलदीप सिंह सेंगर की फेमिली से ही किसी को टिकट मिलने की संभावना है. पत्नी संगीता सेंगर के लड़ने की संभावना है. इसके अलावा नवाबगंज ब्लॉक प्रमुख अरूण सिंह के नाम की भी हवा तेज है. ये भी कुलदीप सेंगर के खास रहे हैं. इसके अलावा ममता सिंह, शशि शेखर सिंह और ज्ञानेन्द्र सिंह के नाम की भी जिले में चर्चा तेज है.

3. देवरिया – विधायक जन्मेजय सिंह के निधन के कारण खाली हुई इस सीट पर उनके बेटे के चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना है. जन्मेजय सिंह के बेटे अजय प्रताप सिंह ऊर्फ पिण्टू सिंह ही क्षेत्र का पूरा कामकाज देखते रहे हैं. हालांकि कई और नेता अपनी गोट सेट करने में लगे हैं. पूर्व सांसद श्री प्रकाश मणि त्रिपाठी के बेटे शशांक मणि त्रिपाठी, संजय सिंह शंखवार, अलका सिंह और प्रमोद सिंह के नाम की भी चर्चा तेज है.

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4. स्वार, रामपुर – बीजेपी के लिए दूसरी बड़ी चुनौती स्वार सीट है. इसपर भी उसे कभी जीत नहीं मिली है. आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम का चुनाव रद्द होने से ये सीट खाली हुई है. इस सीट पर बीजेपी इस बार पूरी ताकत लगायेगी. तीन नामों की चर्चा पूरे रामपुर में है. आकाश सक्सेना हन्नी, लक्ष्मी सैनी और हरिओम मौर्या. हरिओम मौर्या मसवासी नगर पंचायत के चेयरमैन हैं. लक्ष्मी सैनी पिछला और उससे पहले का एक चुनाव हार चुकी हैं. आकाश सक्सेना वही सख्श हैं जिन्होंने आजम खान के खिलाफ मुकदमे कराये हैं. महेश मौर्या भी लाइन में हैं जो मसवासी से चेयरमैन रह चुके हैं.

5. टूण्डला, फिरोजोबाद – एसपी सिंह बघेल के बीजेपी से सांसद बनने के बाद से ये सीट खाली चल रही है. इस सीट पर बीजेपी से चुनाव लड़ने के लिए अभी तक 18 आवेदन आ चुके हैं. इनमें पांच पूर्व विधायक, कुछ स्थानीय नेता और कुछ ऐसे नेता भी शामिल हैं जो आगरा से हैं लेकिन, टूण्डला से चुनाव लड़ना चाहते हैं. बीजेपी की जिला यूनिट में पदाधिकारी नीलम दिवाकर, पूर्व विधायक मोहनदेव शंखवार, पूर्व विधायक शिव सिंह चक का नाम तेजी से उपर आया है.

6. बुलंदशहर – बुलंदशहर की सीट बीजेपी के वीरेंद्र सिंह सिरोही के निधन के चलते खाली हुई है. इस पर दावेदारों की लंबी फौज सामने आई है. वीरेंद्र सिरोही के दोनों बेटे दिग्विजय और विनय सिरोही चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसके अलावा लोकल कमिटी के कई पदाधिकारी और बिजनेसमैन भी दौड़ में बने हैं. जिला महामंत्री रहे रविन्द्र राजौरा, प्रताप चौधरी, सुंदरपाल तेवतिया, जगदीश दहिया, दिल्ली प्रो राजीव सिरोही, डीएवी कालेजसाहब सिंह सिरोही के नाम बुलंदशहर में चर्चा में हैं. चर्चा तो इस बात की भी है कि दिवंगत वीरेंद्र सिरोही के परिवार में ही कई दावेदार उठ खड़े हुए हैं.

7. घाटमपुर, कानपुर – मंत्री कमलरानी वरूण के निधन से ये सीट खाली हुई है. इस सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक 15-20 लोगों के आवेदन जिला कमेटी को मिल चुके हैं. हालांकि मजबूत दावेदारी कमलरानी वरूण की बेटी ही मानी जा रही है. बेटी स्वनिल पेशे से टीचर हैं. इनके लड़ने की संभावना ज्यादा है.

8. नौंगाव सादात – अमरोहा – मंत्री चेतन चौहान के भी निधन से सीट खाली हुई है. जिला कमेटी के एक पदाधिकारी ने बताया कि वैसे तो पार्टी हाईकमान जिनको चाहेगा चुनाव लड़ायेगा, लेकिन संगीता चौहान के लड़ने की संभावना ज्यादा है. संगीता चौहान दिवंगत चेतन चौहान की पत्नी हैं. हालांकि वे राजनीति में सक्रिय नहीं रही हैं.

बीजेपी के प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि पार्टी किसी कार्यकर्ता को चुनाव लड़ायेगी यह हाई कमान तय करेगा. सरकार ने पिछले साढ़े तीन सालों में शानदार काम किया है. आठों सीट बीजेपी जीतेगी. कार्यों के आधार पर सरकार के प्रति जनता में पॉजिटिव रिस्पांस है. पार्टी ने जाति और धर्म से उपर उठकर काम किया है और अंतिम छोर तक विकास पहुंचाया है.

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