कांवड़ यात्रा शुरू होने में अब चंद दिन बचे हैं। सो, कांवड़ियों के लिए कांवड़ बनाने का काम भी इन दिनों जोरों पर है। हरिद्वार की उपनगरी ज्वालापुर के मोहल्लों में तो बीते दो माह से मुस्लिम समुदाय के लोग रात-दिन कांवड़ तैयार करने में जुटे हैं। विभिन्न आकार-प्रकार वाली इन कांवड़ों की खूबसूरती देखते ही बनती है।
कांवड़ तैयार कर रही ज्वालापुर निवासी सलमा कहती हैं कि वह बीते दस वर्षों से शिव भक्तों के लिए भव्य कांवड़ तैयार कर रही हैं। उनका पूरा परिवार कांवड़ तैयार करने में सहयोग करता है।
उन्होंने बताया कि एक मंजिल कांवड़ का जोड़ा 180 रुपये में बिक जाता है, जिसे तैयार करने में एक घंटे का समय लगता है। बताया कि कांवड़ को भव्य रूप देने के लिए रंगीन कागज व बेल-बूटों से सजाया जाता है। इनकी बिक्री से उनके परिवार की अच्छी-खासी आमदनी हो जाती है।
ज्वालापुर की ही शकीना कहती हैं कांवड़ मेला उनकी रोजी-रोटी से जुड़ा है। इसलिए पूरा परिवार कांवड़ मेला शुरू होने से पूर्व रात-दिन कांवड़ तैयार करने में जुट जाता है। कहती हैं, रोजगार से धर्म या समुदाय का कोई लेना-देना नहीं है। बल्कि इससे तो रोजी के साथ प्यार-प्रेम भी बढ़ता है। इसलिए कांवड़ तैयार करने वाले कारीगरों को हर साल कांवड़ मेले का बेसब्री से इंतजार रहता है।