हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने किया उद्धव ठाकरे का समर्थन कही ये बड़ी बात
राम नगरी अयोध्या में महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की हत्या और शिवसेना व बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के बीच जारी जंग की गर्माहट देखने को मिल रही है.
दोनों ही मुद्दों पर अयोध्या के संतों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या आगमन का विरोध किया था. जिस पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि किसकी मां ने अपना दूध पिलाया है जो शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को अयोध्या आने से रोक पाएगा. अब यह विवाद बढ़ता नजर आ रहा है और इसके विरोध में हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास खुलकर के सामने आए हैं.
महंत राजू दास ने चंपत राय को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे जिस तरीके का बयान दे रहे हैं वह ईस्ट इंडिया कंपनी की भाषा है. इसको कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साधु-संतों के विरोध पर चंपत राय ने जिस तरीके का बयान दिया है, यह साधु संतों का अपमान है. भगवान श्री राम की धरती को गाली दे रहे हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के इस बयान की में घोर निंदा करता हूं. साथ ही महंत राजू दास ने संगठन से भी अपील की है कि ऐसे लोगों की अयोध्या में जरूरत नहीं है.
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि महाराष्ट्र में संतों की हत्या दुर्भाग्यपूर्ण थी. उसके विरोध में हम लोगों ने आवाज उठाई और यह मांग रखी कि महाराष्ट्र में साधु की हत्या की जांच और दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. घटना के समय उपस्थित पुलिस वालों पर भी कार्रवाई की मांग की गई. हम लोगों की मांग पर लंबा समय बीत जाने के बावजूद महाराष्ट्र सरकार ने ध्यान नहीं दिया.
न्याय की गुहार लगाने वाले वकील की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई.महंत राजू दास ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के क्रियाकलापों का विरोध करने वाली कंगना रनौत के मकानों और दफ्तरों पर बुलडोजर चलाया गया. यह अन्याय है और इस पर चुप नहीं बैठा जा सकता. हमने उद्धव ठाकरे का इस नाते विरोध किया था कि अगर वह अयोध्या आते हैं तो फिर उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाएगा. हम स्वर्गीय बाला साहब ठाकरे का विरोध नहीं कर रहे हैं. वह हिंदू हृदय सम्राट थे, जिन्होंने विवादित ढांचे के विध्वंस में सहयोग किया. हम उनका सम्मान करते हैं.
महंत राजू दास ने दावा किया कि कहा कि उद्धव ठाकरे का क्रियाकलाप सनातन संस्कृति के विपरीत है. इस नाते हम उनका विरोध कर रहे हैं. इस पर चंपत राय का बयान बेहद ही निंदनीय है. चंपत राय किसी मंदिर या मठ के महंत नहीं हैं. वे एक संगठन के छोटे से पदाधिकारी हैं.
महंत राजू दास ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि संगठन ने उन्हें जिम्मेदारी दी है. वह काम करें. इस तरीके की भाषा का प्रयोग न करें. उनकी भाषा साधु-संतों को टॉर्चर करने वाली है. आक्रोशित राजू दास ने कहा कि चंपत राय की इतनी मजाल कि वह अयोध्या के साधु-संतों का अपमान करें. यह निंदनीय है. साथ ही उन्होंने संगठन के लोगों से अपील की है कि अयोध्या में ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है.