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इन प्रयासों को नाकाफी मानते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने हाथ में लिए माइक्रो मैनेजमेंट के सारे सूत्र

मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के स्थायित्व के लिए विधानसभा की 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में विजय पताका फहराना भाजपा के लिए सबसे जरूरी है, लेकिन असंतोष और भितरघात का धुआं अभी तक उठ रहा है। इसके डैमेज कंट्रोल के लिए भाजपा के प्रयासों को निर्णायक मुकाम नहीं मिल सका है। इन प्रयासों को नाकाफी मानते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने माइक्रो मैनेजमेंट के सारे सूत्र अपने हाथ में ले लिए हैं। हाल में उपचुनाव की तैयारियों की पड़ताल के लिए आए भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने एक-एक सीट की समीक्षा की और उन्हें अंदरनी चुनौतियों की जानकारी दी गई। अंदरखाने मिली रिपोर्ट ने संगठन की चिंता बढ़ा दी।

हितानंद शर्मा ने बूथों तक समन्वय बनाने के लिए चलाया अभियान 

संतोष के दिल्ली लौटने के बाद मप्र भाजपा में सह संगठन महामंत्री के रूप में हितानंद शर्मा की नियुक्ति की गई। हितानंद श्योपुर, शिवपुरी और ग्वालियर से लेकर गुना तक तहसील, जिला और विभाग प्रचारक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। हितानंद फिलहाल कोरोना पॉजिटिव होने के बाद स्वास्थ्य लाभ लेने के साथ ही समन्वय का काम भी कर रहे हैं। दरअसल, उनकी तैनाती ही उपचुनाव की चुनौतियों से निबटने के लिए की गई है। अभी तक की स्थिति यह है कि कांग्रेस से भाजपा में आए नेता पार्टी के बूथ से लेकर विधानसभा स्तर तक के नेताओं के गले के नीचे उतर नहीं रहे हैं। औपचारिकता निभाने के लिए भाजपा नेता हर कार्यक्रम में दिखते तो हैं, लेकिन प्रत्याशियों के समर्थन में जिस जी-जान से जुटने की जरूरत है, वह पूरी होती नहीं दिख रही है। यद्यपि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बूथ स्तर तक प्रबंधन की पहल की है, लेकिन शत-प्रतिशत डैमेज कंट्रोल का दावा नहीं किया जा सकता है।

हर बूथ तक मतदाताओं को ले जाने की मुहिम 

यही वजह है कि भाजपा ने संघ के समर्पित कार्यकर्ता हितानंद के जरिए समन्वय बनाने के साथ ही बूथ स्तर तक असंतोष दूर करने की पहल की है। हितानंद को हर बूथ तक अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान के दिन जाने के लिए प्रेरित करने की जिम्मेदारी दी गई है। वे संघ और भाजपा कार्यकर्ताओं केजरिये इसी मुहिम में जुट गए हैं। शर्मा विशेष रूप से भाजपा के टिकट पर वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव लड़ने वालों पर नजरें टिकाए हुए हैं। पार्टी को यह पता है कि उस वक्त के ज्यादातर उम्मीदवार और उनके समर्थक पिछली हार की टीस भूल नहीं पाए हैं, इसलिए पार्टी ने सूक्ष्म स्तर पर उनकी निगरानी भी शुरू कर दी है।

मध्‍य प्रदेश भाजपा के मुख्‍य प्रवक्‍ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए हर मोर्चे पर काम कर रही है। इसमें मोदी-शिवराज सरकार की उपलब्धियां बताने और कमल नाथ सरकार की नाकामियां गिनाने के लिए हर स्तर पर पूरा समन्वय करना शामिल है। लगातार फीडबैक प्राप्त करने के साथ ही कार्यकर्ताओं का प्रबोधन भी किया जा रहा है। स्वाभाविक रूप से दूसरे राष्ट्रवादी संगठन भी इस काम में हमें सहयोग करते हैं।

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