पूर्व कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत इन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी
बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी,राम अचल राजभर समेत पांच लोगों के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट ने गिरफ़्तारी वारंट जारी किया है.
वर्तमान मंत्री स्वाति सिंह और उनके परिवार की महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में बिना जमानत हाजिरी माफ़ी की अर्जी देने पर विशेष कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर, अतर सिंह, मेवालाल गौतम और नौशाद अली के खिलाफ ग़ैरज़मानती वारंट जारी किया. बता दें 22 जुलाई 2016 को हजरतगंज में स्वाति सिंह की सास ने इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.
विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने गिरफ़्तारी वारंट जारी करते हुए कहा कि पत्रावली को देखने से पता चला कि आरोपी नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर, अतर सिंह राव, मेवालाल गौतम और नौशाद अली की ओर से आरोपों पर संज्ञान लेने के खिलाफ दी गई आपत्ति को निस्तारित करने के बाद उनपर आरोप तय किए जाने थे, लेकिन कोई आरोपी हाजिर नहीं हो रहा था. उन्होंने कहा कि किसी भी आरोपी ने अभी तक इस मामले में अपनी जमानत नहीं कराई है. इतना ही नहीं आरोपियों की ओर से उनकी हाजिरी माफी की अर्जी दी जाती रही है, जिसे कोर्ट त्रुटिवश स्वीकार करती रही है.
कोर्ट ने मेवालाल, अतर सिंह और नौशाद अली की ओर से दी गई हाजिरी माफी और तारीख बढ़ाने की अर्जी को भी ख़ारिज कर दिया. सभी आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश देते हुए मामले में सुनवाई के लिए 6 अक्तूबर की तारीख तय कर दी.
बता दें कि मंत्री स्वाति सिंह की सास तेतरा देवी ने 22 जुलाई 2016 को हज़रतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. उसके मुताबिक, राज्यसभा में बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें उनकी बेटी, बहू, नातिन समेत महिलाओं को पूरे सदन में गालियां दीं. 21 जुलाई को मायावती के बुलाने पर नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर, मेवालाल आदि की अगुवाई में एकत्र भीड़ ने उनके पुत्र को फांसी देने की मांग के साथ ही परिवार की महिलाओं को गालियां दीं और अमर्यादित नारे लगाए.
गौरतलब है कि तत्कालीन बीजेपी उपाध्यक्ष दया शंकर सिंह ने बसपा सुप्रीमो मायावती को लेकर अमार्यादित टिप्पणी की थी. जिसके बाद ये पूरा बवाल हुआ था. बसपा के वरिष्ठ नेताओं ने दया शंकर सिंह की गिरफ़्तारी को लेकर हजरतगंज में जमकर प्रदर्शन किया था. इस प्रदर्शन में दया शंकर सिंह की पत्नी, बेटी और मां को खुले मंच से अमर्यादित शब्दों के साथ संबोधित किया गया था.