लखनऊ में कोरोना महामारी से पूर्व प्रोफेसर समेत लगभग 11 लोगों की मौत
शहर में कोरोना वायरस का प्रकोप कायम है। बुधवार को पीजीआई के पूर्व प्रोफेसर की वायरस ने जान ले ली। इसके अलावा कई और मरीजों की सांसें थम गईं। वहीं आठ सौ से अधिक मरीजों में वायरस पाया गया। एसजीपीजीआइ के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. टीएन ढोल संक्रमण की चपेट में आ गए। मंगलवार देर रात इलाज के दरम्यान उनकी मौत हो गई।
इसके अलावा कोविड अस्पतालों में 24 घंटे में 11 मरीजों की सांसें थम गईं। लिहाजा, शहर में कोरोना से मृतकों की संख्या 629 पहुंच गई है। वहीं 825 नए मरीजों में वायरस मिला है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राजधानी में कोरोना मरीजों की संख्या 48,941 हो गई है। वहीं लगातार तीसरे तीन मरीजों की संख्या एक हजार से कम रही है। 956 रोगियों ने वायरस को हराने में भी कामयाबी हासिल की है। उधर, काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग के आधार पर 11925 लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है।
शहर के इंदिरा नगर-गोमती नगर में वायरस का प्रकोप कायम है। बुधवार को भी दोनों इलाकों में सर्वाधिक केस पाए गए हैं। आशियाना में 31, इंदिरा नगर में 48, आलमबाग में 34, ठाकुरगंज में 26, तालकटोरा में 31, हसनगंज में 12, गोमती नगर में 67, हजरतगंज में 18, मड़ियांव में 21, रायबरेली रोड के 38, अलीगंज में 35, जानकीपुरम में 29, महानगर में 21, कैंट में 24,
चौक में 38, चिनहट में 42, नाका में 10, विकासनगर में 15, कृष्णानगर में 10, बाजारखाला में 10, सरोजनीनगर में 22, वृन्दावन योजना में 17, गोमतीनगर विस्तार में16, पारा में 23, फैजाबाद रोड के 15, गुडम्बा के 14, तेलीबाग में 14, मोहनलालगंज में 12, विभूतिखंड में 15, सुशांत गोल्फ सिटी में 10 मरीज मिले। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्राें में मरीज पाए गए।
केजीएमयू में कोविड प्रोटोकॉल को नजरंदाज किया जा रहा है। यहां वार्ड में साफ-सफाई की व्यवस्था चरमराई हुई है। मरीजों के बेड के आस-पास गंदगी फैली रहती है। वहीं बुधवार को कोरोना वार्ड के सामने पीपीई किट भी प्रयोग की हुई पड़ी मिली। ऐसे में संक्रमण का खतरा बना हुआ है।