एम्स के वैज्ञानिकों का दावा बैक्टीरिया के साथ लार के जरिए भी शरीर में जा सकता है कोरोना वायरस
कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क और सामाजिक दूरी के साथ मुंह की सफाई यानी ओरल हाइजीन पर भी ध्यान देना होगा। एम्स के वैज्ञानिकों का दावा है कि बैक्टीरिया के साथ-साथ लार के जरिए भी वायरस शरीर में पहुंच सकता है। एम्स दिल्ली की सीडीआर शाखा कि डॉक्टर अमृता चावला बताती हैं कि जो लोग महामारी में लंबी यात्रा करते हैं। उनके चेहरे पर मास्क होता है। इस कारण लार का बनना काफी कम हो जाता है।
दांतों के बीच खाद्य पदार्थ के टुकड़े फंसे होने से बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है जो दांतों मसूड़ों और जीभ की ऊपरी सतह पर चिपक जाते हैं। खाद्य पदार्थ फंसे होने और मुंह का तापमान 27 से 30 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा ना होने के कारण संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। स्प्रिंगर नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, वायरस सिर्फ हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं बल्कि के अंदर जा सकता है।
ब्रिटिश डेंटल जर्नल में प्रकाशित शोध में ओरल हाइजीन और तीव्र वायरल श्वसन संक्रमण पर अध्ययन हुआ। इस शोध पत्र के अनुसार, बुजुर्गों के निमोनिया पीड़ित होने में खराब ओरल हाइजीन को भी एक वजह माना गया था। यह कोविड-19 लिए भी सही हो सकता है। ऐसे में माना जाता है कि कोरोना के मामलों में 50 फ़ीसदी से अधिक मौतें बैक्टीरियल सुपर इंफेक्शन की वजह से हुई हैं।
डॉक्टर अमृता बताती हैं, 1918 में इनफ्लुएंजा महामारी में बैक्टीरियल इनफेक्शन का दुष्प्रभाव दिखा था। वर्ष 2009 में एच1एन1 इनफ्लुएंजा वायरस से कम और बैक्टीरियल सुपर पोजीशन से ज्यादा मौतें हुई थी। लार के भीतर रोगजनक बैक्टीरिया के निचले श्वसन में जमा हो सकते हैं। इससे फेफड़ों में संक्रमण हो सकता है। ओरल हाइजीन से फेफड़ों के बीच जीवाणुओं की आवाज आई बढ़ती है।
वही चंडीगढ़ पीजीआई के डॉ. एच एस चावला ने बताया है कि ऑकलैंड के जिला अधिकारी डॉक्टर टीजे ह्यूज ने स्पेनिश फ्लू के दिनों में बोरिक एसिड के साथ ग्वार गर्ल की सिफारिश की थी। स्पेनिश फ्लू के रोगियों को उन्होंने बोरिक एसिड को चूमना और नाक के माध्यम से गरारे करने एवं नियमित रूप से ब्रश करने का सुझाव भी दिया था।
डॉ. चावला की सलाह है कि यात्रा करने से पहले दांतों को अच्छे से साफ करें। खारे पानी से कुल्ला करें। नाक साफ करें यात्रा के दौरान यदि कुछ खाते पीते हैं, तो तुरंत ब्रश करें। एक स्वच्छ और स्वस्थ मुंह से वायरल संक्रमण का खतरा कम होता है।