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अमेरिकी इकनॉमी में अप्रैल-जून तिमाही में ग्रोथ 31.4 फीसदी तक डाउन

अमेरिकी इकनॉमी को भारी झटका लगा है. यूएस जीडीपी अप्रैल-जून तिमाही में 31.4 फीसदी गिर गई. एक महीने पहले इसमें 31.7 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान लगाया गया था. पिछले चार दशक में यह सबसे ज्यादा गिरावट है. इससे पहले 1958 में प्रेसिडेंट आइजनहावर के वक्त इस तिमाही के दौरान जीडीपी में 10 फीसदी की गिरावट आई थी.

हालांकि अर्थशास्त्रियों का मानना है कि हालात सुधरे तो मौजूदा तिमाही की वार्षिक जीडीपी में 30 फीसदी तक इजाफा हो सकता है क्योंकि अमेरिका में कारोबार और उद्योग तेजी से खुले हैं और लोगों का काम पर लौटना बढ़ा है. इससे पहले रिकवरी की वजह से पहली तिमाही की वार्षिक जीडीपी ग्रोथ 16.7 फीसदी 1950 में हुई थी. उस वक्त हेनरी ट्रूमैन राष्ट्रपति थे.

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राष्ट्रपति चुनाव की वजह से ट्रंप प्रशासन जुलाई-सितंबर के जीडीपी ग्रोथ रेट का ऐलान 29 अक्टूबर तक नहीं करेगा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वोटरों को दूसरा मौका देने के लिए कहा है ताकि वह इकनॉमी को पटरी पर ला सकें. ज्यादातर विश्लेषकों का मानना है कि बाकी की तीन तिमाहियों में इकनॉमी में ग्रोथ नहीं दिखेगी. सालाना ग्रोथ रेट में 4 फीसदी तक गिरावट आ सकती है और अगर अमेरिकी संसद स्टियुमलस पैकेज को मंजूरी देने में नाकाम रहती है तो अर्थव्यवस्था मंदी की जकड़न में फंस सकती है.

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दरअसल कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ने से आर्थिक गतिविधियां धीमी होती जा रही हैं. अमेरिकी अर्थव्यवस्था बेरोजगारी दर बढ़ रही है और पिछले कुछ महीनों से इन-एंप्लॉयमेंट बेनिफिट लेने वालों की तादाद में भी लगातार इजाफा हो रहा है. इस वक्त पूरी दुनिया की नजर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर है, जिसमें कोरोनावायरस संक्रमण, अर्थव्यवस्था और नस्लवाद प्रमुख मुद्दे हैं.

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