जिले में 50 करोड़ रुपये की लागत से बनने जा रही फैक्ट्री के प्रबंधन से लेकर श्रमिक तक नजर आएंगी महिलाएं
जिले में 50 करोड़ रुपये की लागत से बनने जा रही फैक्ट्री महिला सशक्तीकरण की मिसाल होगी। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में स्थापित होने वाली इस फैक्ट्री में टेबल वेयर (क्रॉकरी उत्पाद) बनेगा। यहां प्रबंधन से लेकर श्रमिक तक महिलाएं ही नजर आएंगी। पुरुषों को केवल वहीं जगह मिलेगी, जहां महिलाओं के लिए काम करना उपयुक्त नहीं होगा। 24 घंटे संचालित होने वाली फैक्ट्री में नाइट शिफ्ट में ही पुरुष कामगार नजर आएंगे।
फैक्ट्री लगाने के लिए प्रमोटर रवींद्र अग्रवाल के नाम से करीब 10 हजार वर्ग मीटर (एक लाख वर्ग फीट से अधिक) जमीन आवंटित हो चुकी है। यहां नई तकनीकी का प्रयोग करते हुए प्रतिदिन करीब 45 टन टेबल वेयर(कप-प्लेट,कटोरा,मग, चम्मच) का उत्पादन किया जाएगा। काम करने वाले 400 कर्मियों में 60 फीसद से अधिक महिलाएं होंगी। ऑफिस हो या तकनीकी काम, सुपरवाइजर या पैकेजिंग करने वाले श्रमिक, हर जगह महिलाओं को ही मौका देने की तैयारी है। यहां तक कि रिसर्च एंड डेवलपमेंट का अहम दायित्व भी उन्हीं के हाथ होगा।
समाजसेवी दादा से मिली महिलाओं को आगे बढ़ाने की प्रेरणा
इस कंपनी से जुड़ी एक इकाई दमन दीव में पहले से चल रही है। प्रमोटर रवींद्र अग्रवाल के भाई राजीव अग्रवाल का फैक्ट्री को चलाने में तकनीकी सहयोग रहता है। महिलाओं को आगे बढ़ाने की प्रेरणा उन्हें उनके दादा वकील मथुरा प्रसाद अग्रवाल से मिली। गोरखपुर में रहकर उन्होंने महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए काफी काम किया है। कई शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना में उनका योगदान रहा। बदामा देवी मथुरा प्रसाद अग्रवाल फाउंडेशन (बीडीएमपीए) के नाम से संचालित संस्था का कार्यालय शहर में तरंग रोड स्थित हजारीपुर मोहल्ले में है। मथुरा प्रसाद एवं उनकी पत्नी बदामा देवी के नाम पर बनी यह संस्था गरीब कन्याओं की शादी कराती है। संस्था अतिथि भवन का संचालन भी करती है। प्रमोटर का मानना है कि महिलाएं काम के प्रति अधिक जिम्मेदार होती हैं और किचन से जुड़ा उत्पाद होने के कारण उनकी रुचि भी अधिक रहेगी।
क्वार्टज टेबल वेयर प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर रवींद्र अग्रवाल का कहना है कि गोरखपुर में टेबल वेयर (क्रॉकरी उत्पाद) बनाने की फैक्ट्री स्थापित हो रही है। समाज के प्रति जिम्मेदारियों को निभाते हुए यहां प्रबंधन से लेकर श्रमिक तक महिलाओं को मौका दिया जाएगा।