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किरण मजूमदार शॉ का कहना है-आधार के जरिये आसानी से वैक्सीन बांट सकती है सरकार

Business Today Most Powerful Women Awards कार्यक्रम में बायोकॉन लिमिटेड की प्रमुख किरण मजूमदार शॉ ने कहा कि हर कोई कोरोना संकट से निपटने के लिए वैक्सीन के इंतजार में हैं. अगले साल की शुरुआत में कई वैक्सीन आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि कम से कम 4 से 5 वैक्सीन आने वाली है. लेकिन केवल वैक्सीन आ जाने से कोरोना पर काबू नहीं पाया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि वैक्सीन आने के बाद भी कई तरह की चुनौतियां होंगी. क्योंकि यह कैसे डिस्ट्रीब्यूट की जाएगी. कैसे छोटे-छोटे गांवों तक वैक्सीन पहुंचेगी? आबादी के हिसाब से वैक्सीन की उपलब्धता भी एक चुनौती है.

अभी से रोडमैप बनाने की जरूरत

किरण मजूमदार शॉ ने कहा कि छोटे शहरों में वैक्सीन की स्टोरेज की सुविधा नहीं है. फिर अगर कहीं हफ्तेभर रखने की जरूरत पड़ गई तो उसके लिए प्लान बनाना होगा. उन्होंने कहा कि अगर सरकारी अस्पतलाओं के माध्यम से वैक्सीन लगाई जाएगी तो उसके लिए प्रॉपर ट्रेनिंग और ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा होनी चाहिए.

बॉयोकॉन की प्रमुख ने कहा कि भारत की आबादी के हिसाब से देखें तो हर आदमी तक वैक्सीन पहुंचाना एक बड़ा कदम होगा. इसके लिए अभी से डेटा तैयार करने की जरूरत है, ताकि वैक्सीन आने के बाद आसानी से वितरित हो सके. उन्होंने कहा कि छोटे शहरों में अस्पताल और दूसरे ऐसे संस्थान जिसकी मदद से वैक्सीन वितरित की जा सकती है, वहां अभी तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए. हर सेंटर पर रेफ्रिजरेटर भी उपलब्ध होना चाहिए.

आधार एक रास्ता

किरण मजूमदार शॉ का कहना है कि आधार नंबर के जरिये वैक्सीन  आसानी से जरूरतमंदों तक पहुंचाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि दूसरे देशों के मुकाबले भारत ने आधार का बेहतर इस्तेमाल किया है. सरकार को आधार डेटा के आधार पर वैक्सीन वितरण के प्लान पर सोचना चाहिए. दूसरे रास्तों के मुकाबले ये आसान और संभव है. क्योंकि आज देश में लगभग सभी के पास आधार कार्ड है और हर काम में इस्तेमाल हो रहा है.

वर्चुअली आयोजित इस अवॉर्ड्स समारोह में आईएमएफ की प्राची मिश्रा ने कहा कि कोरोना महामारी से दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं. सोशल डिस्टेसिंग की वजह से कई तरह के उद्योग संकट में हैं. लेकिन अब धीरे-धीरे स्थिति सुधर रही है.

उन्होंने कहा कि अगर भारत की बात करें तो आबादी बहुत ज्यादा होने के कारण कोरोना के मामले भी ज्यादा हैं. भारत में अभी 80 से 90 हजार मामले रोज सामने आ रहे हैं. लेकिन अगर जनसंख्या के अनुपात से देखें तो भारत ने इसे अभी तक काबू में रखा है. उन्होंने कहा कि यूपी की जितनी बड़ी आबादी है और उस हिसाब से कोरोना संकट वहां नहीं गहराया है. इसके अलावा उन्होंने धारावी मॉडल की तारीफ की.

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