प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हो रही है आज कैबिनेट की अहम् बैठक
कैबिनेट की बैठक शुरू हो गई है सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ऑयल एंड गैस सेक्टर को लेकर बड़ा फैसला हो सकता है. इस पर से सरकार का नियंत्रण हटाने की तैयारी है.
अलग-अलग चरणों में कीमतों से कंट्रोल हटेगा. आपको बता दें कि नेचुरल गैस की कीमतें हर छह महीने में केंद्र सरकार तय करती है बीते हफ्ते सरकार ने प्राकृतिक गैस के दाम में 25 प्रतिशत कटौती कर दी. इस कटौती के बाद गैस के दाम 1.79 डॉलर एमएमबीटीयू के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गए है. इसका असर सार्वजनिक क्षेत्र की गैस उत्पादक कंपनी ONGC, ऑयल इंडिया के राजस्व पर पड़ेगा.
नेचुरल गैस का इस्तेमाल खाद बनाने वाले ईंधन के तौर पर करते हैं. साथ ही, बिजली बनाने में भी इसका इस्तेमाल होता है. इसके अलावा घरों में पाइप के जरिए भी गैस सप्लाई की जाती है. वहीं, कारों और अन्य वाहनों में सीएनजी के तौर पर प्रयोग होती है.
सूत्रों ने बताया की कैबिनेट सेक्टर को डी-रेग्यूलेट करने पर फैसला हो सकता है. इसका मतलब है कि सरकार के नियंत्रण से ये बाहर हो सकता है. अगर ऐसा होता है तो ये अब तक का सबसे बड़ा फैसला होगा. सूत्रों ने बताया कि इसको लेकर एक पेच फंस सकता है वो बिहार चुनाव है. अगर कैबिनेट में मंजूरी मिलती है तो सरकार सबसे पहले चुनाव आयोग से मंजूरी लेगी.
महानगर गैस ने सीएनजी और पीएनजी की खुदरा कीमतें तत्काल प्रभाव से मंगलवार को कम कर दी. मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में गैस वितरण करने वाली कंपनी महानगर गैस ने सीएनजी में 1.05 रुपये प्रति किलोग्राम और घरेलू पाइप्ड नेचुरल गैस की कीमत में 70 पैसा प्रति घन मीटर की कटौती की है.
कंपनी ने कहा कि कीमतों में यह कटौती घरेलू तौर पर उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमतों में सरकार के कमी करने के चलते की गयी है. कीमतों में इस संशोधन के बाद सभी करों सहित सीएनजी की कीमत 47.90 रुपये प्रति किलोग्राम और पीएनजी की कीमत पहले स्लैब के ग्राहकों के लिए 28.90 रुपये प्रति घन मीटर और दूसरे स्लैब के ग्राहकों के लिए 34.50 प्रति घन मीटर हो गयी.