सीएम योगी आदित्यनाथ का निर्देश- हर हाल में कम हों मौरंग-बालू के दाम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौरंग, बालू व गिट्टी के दामों में कमी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ लोग जानबूझकर बाजार में उपखनिजों की कमी कर रहे हैं। अब ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इस कारण इसके दाम बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) में भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने राज्य में खनन पट्टों के आवंटन, पर्यावरणीय स्वीकृति एवं खनन प्रारंभ होने तक की प्रक्रिया को लेकर विभाग के प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अधिकारियों से कहा कि उपखनिजों के अवैध भंडारण को रोका जाए। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
उन्होंने इन कहा कि मौजूदा भंडारण को बाजार में लाया जाए। इससे उपखनिजों के दामों में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि खनन पट्टों के आवंटन, पर्यावरणीय स्वीकृति एवं खनन प्रारंभ होने तक की प्रक्रिया के संबंध में जरूरी कदम उठाये जाएं। मुख्यमंत्री ने अवैध खनन को तत्काल रोकने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए खनन पट्टे हर हाल में पहली अक्टूबर से शुरू किए जाएं। विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने कहा कि जल्द ही दाम घटाने के लिए सभी उपाय अपनाए जाएंगे। इस अवसर पर खनन राज्यमंत्री अर्चना पाण्डेय, मुख्य सचिव डॉ. अनूप चन्द्र पाण्डेय, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल आदि मौजूद थे।
फर्जी परमिट पर हो रहा मौरंग-बालू का परिवहन
प्रदेश में फर्जी ट्रांसपोर्ट परमिट (ईएमएम-11) के जरिए मौरंग व बालू का अवैध परिवहन हो रहा है। इससे न सिर्फ सरकारी खजाने को चपत लग रही है बल्कि इसके दाम भी आसमान छू रहे हैं। यहां पर जालसाज ईएमएम-11 की फोटोकापी का दुरुपयोग कर मुद्रित प्रपत्र-सी में मैजिक पेन के जरिये जाली कागज बना रहे हैं। इसके जरिये बालू-मौरंग का अवैध परिवहन हो रहा है। सरकार ने सभी जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में सात सदस्यीय जांच टीम बनाकर इसकी नियमित जांच के निर्देश दिए हैं।
गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ तत्काल एफआइआर दर्ज की जाए। निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि अवैध खनन व परिवहन पर प्रभावी रोकथाम के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जांच दल गठित कर दिया गया है। इसमें पुलिस, परिवहन व खनन विभाग के अफसरों को रखा गया है। साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वाले पट्टाधारकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए गए हैं।