ABP भारत टीम की तरफ से सभी को नवरात्रि की शुभ कामना,शारदीय नवरात्रि के पहले दिन माँ शैलपुत्री की करे उपासना
नमस्कार जैसा की आप सभी को मालूम है की आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रहा है नवरात्रि के महा पर्व पर कोरोना जैसी महामारी को देखते हुए जगह जगह पंडाल तो लगाया गया है परन्तु कोरोना के चलते भक्तो को माता के संभल के दर्शन बहुत अच्छे से नहीं हो पाएंगे इस बार सरकार की गाइडलाइन्स का पालन करना होगा वही हम आपको बतादे की भारत वर्ष में नवरात्रि का त्योहार 4 बार आता है लेकिन 2 बार बहुत धूम धाम से मनाया जाता है
शारदीय नवरात्रि का महत्व इस लिए ज्यादा है क्यों की इस शारदीय नवरात्रि में मिट्टी से बनी माता की मूर्ति पंडाल में सजाई जाती है और दूर दूर से लोग इन प्रतिमाओं को देखने आते है लेकिन इस साल कोरोना का साया सभी त्योहारों पर दिखाई दे रहा है इस साल पंडाल भी लगेंगे मूर्ति भी लगेगी लेकिन हर साल की तहर भीड़ नहीं देखने को मिलेगी वही आपको यह भी बता दे की शारदीय नवरात्रि में माता के 9 रूपों की पूजा की जाती है अब आपको बतादे की कौन कौन से माह में मनाया जाता है नवरात्री का उत्सव (1 ) चैत्र (2 ) आषाढ़ (3 ) अश्विन (4 ) पौष माह में मनाया जाता है |
इस बार साल 2020 में नवरात्री समेत कई पर्व एक महीने की देरी से आरम्भ हुए आपको बता दे की मलमास के कारण इस बार हिन्दू कैलेंडर 12 महीने के बजाये 13 महीने का है | 16 अक्टूबर को मलमास का महीना खत्म हो गया व मलमास के समाप्त होते ही फ़ौरन बाद शारदीय नवरात्री आरम्भ हो गयी
नवरात्री 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक देवी के नौ स्वरूपों की पूजा आरधना होती है साथ ही यह भी बता दे की 25 अक्टूबर को दसहरा वह रावण दहन होता है इस बार अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन मनाई जायेगी नवरात्री का हर दिन माँ दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों को समर्पित होगा विद्वानों का कहना है की नवरात्री में इस बार 58 साल बाद एक बेहद शुभ संयोग भी बनने जा रहा है अगर हम विद्वानों की माने तो इस बार घटस्थापना पर विशेष संयोग बन रहा है | यह महासंयोग कई लोगो की झोली खुशियों से भर सकता है
नवरात्री के पहले दिन माँ शैलपुत्री की उपासना की जाती है और इसी दिन जाऊ बोन के साथ – साथ अखंड ज्योति भी जलाई जा जाती है | पूरे विधि विधान से नवरात्री के व्रत रखने वालो को माँ दुर्गा के आशीर्वाद से लाभ प्राप्त होता है कहाजाता है की माँ दुर्गा का पहला ईश्वरीय स्वरुप शैलपुत्री है | शैल का मतलब शिखर है शास्त्रों में शैलपुत्री को पर्वत की पुत्री के नाम से जाना जाता है शैलपुत्री का वास्तविक अर्थ है – चेतना का सर्वोच्तम स्थान
नवरात्री में इस बार कई और खास संयोग भी बन रहे है जैसे की राजयोग , दिव्या पुष्कर योग , स्वार्थ सिद्धि योग और सिद्धि योग शारदीय नवरात्री को खास बना रहे है | इस दौरान माँ दुर्गा को लाल वस्त्र, फल और फुल अर्पित करने से आपको अधिक लाभ मिलेगा इस बीच दुर्गा शप्तशती का पाठ करने से आपकी मनोकामनाएं एवं इछाये भी पूर्ण होती है
माँ का आशीर्वाद मिलता है साथ ही माँ शैलपुत्री की पूजा में चन्द्रमा का महत्व है इनकी पूजा करने से चन्द्रमा दोष समाप्त हो जाता है पहले दिन पीले वस्त्र धारण करके माता की कृपा ली जाती है और माँ शैलपुत्री को सफ़ेद चीज़ो का भोग लगाया जाता है और माँ को गाये के घी का भी भोग लगाया जाता है और गुड़हल के फूल को अर्पित किया जाता है जिससे माँ स्वस्थ्य रहने का आशीर्वाद देती है
शारदीय नवरात्र भारत में धुधाम से मनाया जा रहा है भारत के हर कोने पर आज माँ की मूर्ति स्थापित की जा रही नवरात्री मतलब नवराते इन नौ रातो और दस दिनों के दौरान शक्ति के नवरुपों की पूजा अर्चना की जाती है और जो सचे मन से पूजा करता है उसको भिन्न-भिन्न प्रकार के फल प्राप्त होते है माँ को प्रसन्न करने के लिए मंत्र। .. ॐ ऍंग रिंग क्लिंग शैलपुत्री नमः धन-धान्य-ऐश्वर्य, सौभाग्य-आरोग्य तथा मोक्ष देने वाली माता शैलपुत्री