पटना। बिहार कैबिनेट की आज की बैठक में कुल 15 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसके तहत चार महीने में पीएम आवास बनाने पर एक हजार रुपये प्रोत्साहन दिया जाएगा। विश्वविद्यालयों, कॉलेजों के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों के पुनरीक्षित वेतनमानों में विसंगति दूर करने के लिए कमेटी गठित करने को भी स्वीकृति दी।
चार महीने में पीएम आवास बनाने पर एक हजार रुपये प्रोत्साहन
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभुक आवास स्वीकृति के चार महीने के अंदर यदि आवास बना लेते हैं तो संबंधित व्यक्ति को मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास प्रोत्साहन योजना के तहत एक हजार रुपये प्रोत्साहन के रूप में दिए जाएंगे। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव ने बताया कि 27 जुलाई 2018 के पूर्व जो पीएम आवास स्वीकृत हो चुके हैं और चार महीने बीतने के बाद भी पूरे नहीं हुए हैं यदि उन आवासों को 27 जुलाई 2018 की तिथि से दो महीने के अंदर पूर्ण कर लिया जाता है तो लाभुक को एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाएंगे।
प्रधान सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री आवासों को स्वीकृति के एक वर्ष के अंदर बना लिया जाना है। यह कार्य तेजी से हो और स्वीकृत आवास समय सीमा में बने इसके लिए आवास निर्माण से जुड़े कर्मियों को प्रगति के अनुसार पुरस्कृत करने का भी फैसला मंत्रिमंडल ने लिया है। लाभुक यदि चार महीने में आवास बना लेते हैं तो निर्माण से जुड़े कर्मियों को 730 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा। आवास स्वीकृति के चार महीने के बाद या छह महीने के अंदर निर्माण होने की स्थिति में कर्मी को आधी राशि अर्थात 365 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा। आवास निर्माण में देर होने और प्रखंड स्तर पर योजना में विलंब होने पर प्रोत्साहन राशि में कटौती के प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दी है।
वेतन विसंगति दूर करने के लिए कमेटी गठित
राज्य मंत्रिमंडल ने विश्वविद्यालयों, कॉलेजों के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों के पुनरीक्षित वेतनमानों में विसंगित को दूर करने के लिए कमेटी गठन की मंजूरी दी है। कैबिनेट के प्रधान सचिव अरूण कुमार ने बताया कि विवि-कॉलेज शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन में कई प्रकार की विसंगतियां हैं। इन्हें दूर करने का जिम्मा सदस्य राजस्व पर्षद को दिया गया है। सदस्य राजस्व पर्षद की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी जिसमें शिक्षा सचिव और वित्त विभाग के पदाधिकारी रहेंगे। कमेटी छह महीने में अपनी रिपोर्ट देगी।
आठ लाख मीट्रिक टन क्षमता के बनेंगे नए गोदाम
प्रदेश के सभी पैक्स और व्यापार मंडलों में आठ लाख मीट्रिक टन क्षमता के नए गोदाम बनाए जाएंगे। गोदाम तीन अलग-अलग श्रेणी दो सौ मीट्रिक टन, पांच सौ मीट्रिक टन और कुछ एक हजार मीट्रिक टन क्षमता के होंगे। गोदाम निर्माण के लिए पैक्स और व्यापार मंडल समितियों को 50 फीसद अनुदान और 50 फीसद चक्रीय पूंजी मुहैया कराई जाएगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृत दी गई। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव अरूण कुमार सिंह ने बताया कि आठ लाख मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम निर्माण के लिए 560 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
कृषि रोड मैप 2017-22 में तय लक्ष्य को पूरा करने के उद्देश्य से मंत्रिमंडल ने 260 चावल मिल (ड्रायर सहित) लगाने की मंजूरी भी दी है। ड्रायर सहित चावल मिल स्थापित करने में होने वाले खर्च का 60 फीसद हिस्सा केंद्र और शेष 40 फीसद राज्य सरकार वहन करेगी। पैक्स, व्यापार मंडलों को चावल मिल स्थापित करने के लिए 50 फीसद अनुदान व 50 फीसद चक्रीय पूंजी दी जाएगी। एक यूनिट स्थापित करने में 77.45 लाख रुपये का खर्च आएगा। प्रधान सचिव ने बताया चालू वित्तीय वर्ष में 115 विद्युत आधारित चावल मिल स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
अन्य बड़े फैसले, एक नजर
कृषि रोड मैप 2017-22 के ही तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अधिप्राप्ति के लिए राज्य सहकारी बैंक दूसरे राष्ट्रीयकृत बैंकों से कर्ज ले सके इसके लिए मंत्रिमंडल ने सहकारी बैंक लि. को 800 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी ऋण के रूप में मुहैया कराने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है।
मंत्रिमंडल ने आंगनबाड़ी सेवाओं के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से सामान्य, कुपोषित, अति-कुपोषित ब’चों एवं गर्भवती महिलाओं को पूरक पोषाहार पर तीन महीने में होने वाले खर्च के लिए 4.07 अरब रुपये मुहैया कराए हैं। यह राशि आंगनबाड़ी निधि एप या डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से मुहैया कराई जाएगी।
मंत्रिमंडल ने भागलपुर में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया की स्थापना के लिए निश्शुल्क भूमि हस्तांतरण का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है। मंत्रिमंडल ने मधेपुरा में स्वीकृत राजकीय मेडिकल कॉलेज मधेपुरा को जननायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय मधेपुरा के नाम से प्रति स्थापित करने की अनुमति भी दी है। पूर्व से संचालित विस्वान परियोजना की अवधि समाप्त होने पर मंत्रिमंडल ने 3.13 अरब रुपये की नेक्स्ट जेन बिहार स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क योजना-2 को पुनरीक्षित करने मंजूरी भी दी है। अब योजना लागत 4.73 अरब रुपये की होगी।
कुछ अन्य फैसले
– मधुबनी के ग्राम अररिया के पास सुगरवे नदी पर वीयर डायवर्सन हेड वक्र्स संरचना निर्माण के लिए 37.84 करोड़ की राशि स्वीकृत
– रोहतास, बक्सर एवं भोजपुर में सोन नहर प्रणाली से निकली मुख्य नहर की पुनस्र्थापना के लिए डीपीआर बनाने के लिए 6.33 करोड़ मंजूर
– अररिया-बैरागाछी-मदनपुर-सिकटी पथ के निर्माण के लिए 90.28 करोड़ मंजूर
– कोर्ट के आदेश पर सेवा से बर्खास्त भविष्य निधि पदाधिकारी प्रदीप कुमार को पुन: सेवा में वापस लेने के लिए दूसरी कारण बताओ नोटिस पर नए सिरे से विचार करने की मंजूरी