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कलकत्ता हाई कोर्ट ने दुर्गा पूजा पंडाल को लेकर सुनाया अहम फैसला जाने यहाँ क्या कहा

कोरोना संकट के बीच दुर्गा पूजा पंडाल को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को अहम फैसला सुनाया था. कलकत्ता हाई कोर्ट ने सभी पूजा पंडालों को नो एंट्री जोन घोषित किया है. वहीं, कोर्ट के इस फैसले को लेकर अब पुनर्विचार याचिका दायर की गई है. मामले की सुनवाई बुधवार को होगी.

पुनर्विचार याचिका को तीन अलग-अलग क्लबों ने दायर किया है. चेतला अग्रनी क्लब, हिंदुष्ठान क्लब और सुरूचि संघ ने अदालत में याचिका दायर की है. तीनों ही याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी. दूसरी ओर पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम ने भी याचिका दायर की है. और महामारी के दौरान लोगों के हित में पंडालों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के अदालती आदेश को बरकरार रखने की अपील की है.

कलकत्ता हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, दुर्गा पूजा पंडालों में नहीं जा सकेंगे आम लोग

बता दें कि कोर्ट ने आदेश दिया था कि राज्य में सभी दुर्गा पूजा पंडाल अब आगंतुकों के लिए नो-एंट्री जोन होंगे. हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि पंडाल में केवल आयोजकों की एंट्री होगी, और पंडाल के बाहर आयोजकों के नाम का उल्लेख किया जाना चाहिए. पंडाल परिसर में अधिकतम 25 सदस्यों की अनुमति है.

कलकत्ता हाईकोर्ट का फैसलाः पूजा पंडाल में आम लोगों की एंट्री पर लगी रोक

कोर्ट ने कहा कि पंडाल में जाने वाले आयोजकों के नाम और संख्या फिक्स होगी और इसे रोज बदला नहीं जा सकता है. अदालत ने कहा कि छोटे पंडालों के लिए पांच मीटर का क्षेत्र और बड़े पंडालों के लिए 10 मीटर क्षेत्र को भी नो-एंट्री जोन में शामिल किया गया है.

कोर्ट ने पूजा पंडालों को नो एंट्री जोन घोषित किया (फाइल फोटो)

जस्टिस संजीब बनर्जी और जस्टिस अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने नए प्रतिबंधों को लेकर यह आदेश दिया. जजों ने इस बात पर भी निराशा जाहिर की कि राज्य सरकार उत्सव के दौरान कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कोर्ट की ओर से जारी दिशा-निर्देशों को लागू करने की योजना पर काम नहीं किया.

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