डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने एंटी टैंक मिसाइल नाग का किया सफल परीक्षण
सरहद पर देश की सुरक्षा में लगे सैनिकों की ताकत बढ़ने वाली है, क्योंकि एंटी टैंक मिसाइल नाग सेना में शामिल होने के लिए तैयार है. गुरुवार सुबह डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने पोखरण रेंज में मिसाइल का आखिरी सफल परीक्षण किया. इससे पहले डीआरडीओ ने 19 अक्टूबर को ओडिशा के बालासोर टेस्टिंग रेंज से 10 किमी दूरी से स्टैंड ऑफ एंटी टैंक मिसाइल का परीक्षण किया था.
खास बात है कि भारत को इसके बाद एंटी टैंक हथियार के लिए अमेरिका या इजरायल पर निर्भर नहीं रहना होगा. गौरतलब है कि लद्दाख में चीनी सेना से तनाव बढ़ने के बाद भारत को आपातकालीन स्थिति में इजरायल से 200 स्पाइक एंटी टैंक मिसाइल खरीदनी पड़ी थीं. एंटी टैंक मिसाइल की जरूरत तब और ज्यादा महसूस हुई जब चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने बड़ी संख्या में अक्साई चिन में टैंक, रॉकेट और तोपें तैनात की थीं.
सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, नाग एंटी टैंक मिसाइल ने 10 सफल ट्रायल पूरे कर लिए हैं. इसलिए यह मिसाइल अब भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तैयार है. पोखरण रेंज में गुरुवार सुबह 6.45 बजे हुए आखिरी परीक्षण में मिसाइल को लाइव वॉरहेड का इस्तेमाल करते हुए खराब टैंक पर दागा गया. मिसाइल को इनफ्रारेड रेड का पता लगाने वाले उपकरण के साथ लॉन्च किया था.
बीते एक महीने से डीआरडीओ तेजी से मिसाइल परीक्षण में लगा हुआ है. हालांकि, इस दौरान केवल एक 1000 किमी रेंज वाली सब-सॉनिक क्रूजेस निर्भय में कुछ परेशानी सामने आई. उम्मीद की जा रही है कि आगामी कुछ महीनों में इस मिसाइल का भी परीक्षण किया जा सकता है. क्योंकि इसके बूस्टर में मिली तकनीकी परेशानी का पता लगा कर ठीक कर दिया है.