बिहार से अयोध्या पहुंचे बीजेपी नेता मनोज तिवारी लिया रामलीला में भाग
अयोध्या की रामलीला में अंगद की भूमिका निभाने पहुंचे मनोज तिवारी ने मीडिया से संवाद के दौरान रामायण से बीजेपी का रिश्ता जोड़ा. वहीं दूसरी तरफ मंच पर अंगद के रूप में मनोज तिवारी ने समां बांध दिया.
रावण और अंगद संवाद अयोध्या की रामलीला का सबसे मजबूत पहलू रहा. इसीलिए मनोज तिवारी ने मंच पर जाने के पहले अंगद के कई डायलॉग सुनाए और अंगद-रावण संवाद को आज के समय की उपयोगिता बताते हुए इससे सीख लेने की नसीहत दी.
बिहार से अयोध्या की रामलीला में अंगद का किरदार निभाने अयोध्या पहुंचे बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा जिसने रामायण को अच्छे से पढ़ लिया और मन में उतार लिया और अगर वह समाज सेवा में या राजनीति में है तो वह फिर बीजेपी ज्वाइन कर लेगा.
मनोज तिवारी ने आगे कहा कि मेरी बात सुनकर लोग हंसेंगे लेकिन जब आप राम की मर्यादा को समझेंगे तो फिर आप को भारतीय जनता पार्टी से अच्छी कोई पार्टी नहीं लगेगी और वह निश्चित रूप से मोदी जी के साथ चला जाएगा. इसके साथ ही मनोज तिवारी ने कहा कि नक्सली पार्टी माले से समझौता करने वाले लालू के बेटे की पार्टी और सुशांत सिंह राजपूत केस में एफआईआर दर्ज न करने देने वाली कांग्रेस से मुकाबला है. बिहार ऐसी पार्टी और गठबंधन को जवाब देगा.
मनोज तिवारी ने इस मौके पर कहा कि रामलीला को बचाना बहुत जरूरी है, इसका संरक्षण बहुत जरूरी है. क्योंकि हमारे देश मे इतने लोग साक्षर ही नहीं थे तो रामायण पढ़े कैसे होंगे फिर भी राम जी घर-घर में हैं, सीता जी की मर्यादा घर-घर में है, रावण के अंहकार से भी हर कोई सावधान है, तो रामलीला का जितना प्रचार-प्रसार हो सके बेहतर है. आज मैं उसी भूमिका में हूं मैं रामलीला का प्रचार-प्रसार कर रहा हूं.
मनोज तिवारी ने आगे कहा कि आज के समय में भी इसको देखें राजनीतिक रूप से तो इसका बड़ा संबंध है क्योंकि युद्ध कभी भी अंतिम निदान नहीं है और हम तो बुद्ध के देश से हैं. युद्ध के लिए कहा जाता है कि भगवान राम ने रावण से कहा था कि अगर आप सीता को वापस कर देते हो तो अभी भी संधि हो सकती है लेकिन रावण ने नहीं माना. तो मैं समझता हूं अंगद और रावण के संवाद में बहुत सारी बातें हैं, बहुत कूटनीति है. अंगद को अपनी तरफ मिलाने की कोशिश रावण ने की थी. रावण ने कई तरह से अंगद को डराने की कोशिश की थी.