उत्तर प्रदेश

कन्नौज जिला जेल में हत्या के मामले में कैद 70 वर्षीय बंदी की हैलट के कोविड वॉर्ड में हुई मौत

कन्नौज जिला जेल में हत्या के मामले में कैद 70 वर्षीय बंदी की हैलट के कोविड वॉर्ड में मौत हो गई। मौत का कारण बंदी का कोरोना संक्रमित होना बताया गया है। 22 अक्टूबर की सुबह बंदी की इलाज के दौरान मौत होने पर उनके स्वजन को सूचना दी गई। अस्पताल पहुंचकर पोस्टमार्टम कराने की मांग की तो अस्पताल प्रबंधन ने कोविड प्रोटोकॉल से उनका अंतिम संस्कार करने के लिए कहा।

जिद पर अड़े स्वजन ने मुख्यमंत्री, मानवाधिकार आयोग, जिलाधिकारी से भी गुहार लगाई। तब जिलाधिकारी ने पोस्टमार्टम की अनुमति प्रदान कर दी। इसके बाद शनिवार शाम दो डॉक्टरों के पैनल ने एहतियात बरतते हुए शव का पोस्टमार्टम शुरू किया है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के मुताबिक कोरोना संक्रमण से मौत के बाद पोस्टमार्टम का उत्तर प्रदेश का यह पहला मामला है।

संक्रमण की पुष्टि होने पर 17 अक्टूबर को हैलट में कराया था भर्ती

कन्नौज के गुरसहायगंज के गांव निवासी 70 वर्षीय किसान का वर्ष 2010 में पंचायत चुनाव के दौरान दूसरे पक्ष से विवाद हुआ था। इसमें एक व्यक्ति की हत्या के मामले में पुलिस ने किसान को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। तब से वह जेल में ही थे। किसान के बेटे ने बताया कि 10 अक्टूबर को पिता की तबीयत बिगड़ी। पहले तो जेल अस्पताल में उनका इलाज कराया गया। इसके बाद स्वास्थ्य में सुधार न दिखने पर उन्हें तिर्वा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था जहां उनकी कोरोना जांच कराई गई और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। ऐसे में 17 अक्टूबर को उन्हें हैलट के कोविड 19 वॉर्ड में भर्ती कराया गया था।

पोस्टमार्टम के बाद क्वारंटाइन होंगे कर्मचारी

कोरोना संक्रमित शव का पोस्टमार्टम करने से पहले परिसर में बाहरी लोगों के आवागमन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई। सभी कर्मचारियों को पीपीई किट पहनाई गई। डॉक्टर ने बताया कि पोस्टमार्टम में शामिल पूरा स्टाफ क्वारंटाइन भी होगा। उसके स्थान पर दूसरे स्टाफ को लगाया जाएगा।

इनका ये है कहना

दो डॉक्टरों का पैनल पोस्टमार्टम कर रहा है। सभी कर्मचारी पीपीई किट पहनकर एहतियात बरत रहे हैं। पोस्टमार्टम के बाद पूरे परिसर को सैनिटाइज कराया जाएगा। तब तक किसी भी अन्य शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया जाएगा।

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