कृषि कानूनों का लगातार विरोध जारी पंजाब जाने वाली ट्रेनें रद्द
देश में किसानों की ओर से लगातार मोदी सरकार के लाए गए कृषि कानूनों का विरोध किया जा रहा है. पंजाब में भी किसान लगातार मोदी सरकार के कृषि से जुड़े कानून को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. इस बीच कृषि अधिनियमों के खिलाफ आंदोलन को देखते हुए पंजाब की तरफ जाने वाली तमाम ट्रेनों को रद्द किए जाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ सत्ताधारी कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल, किसान यूनियन भी केंद्र सरकार के खिलाफ आ गए हैं.
पंजाब में भारतीय रेलवे के जरिए मालगाड़ियों की आवाजाही बंद किए जाने को लेकर हंगामा मचा हुआ है. किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र की बीजेपी सरकार पंजाब के किसान संगठनों और पंजाब सरकार के साथ बदले की कार्रवाई के तहत मालगाड़ियों को आने नहीं दे रही ताकि पंजाब के लोग परेशान हों. केंद्रीय कृषि अधिनियमों के खिलाफ किसान संगठनों और किसानों के समर्थन में आने वाली पंजाब सरकार से बदला लेने की ये केंद्र की कोशिश है.
पंजाब के बड़े किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के अध्यक्ष बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने जल्द ही पंजाब के लिए मालगाड़ियों की आवाजाही शुरू नहीं की तो ऐसे में बीजेपी के पंजाब के तमाम नेताओं के घर के बाहर धरना दिया जाएगा और इन नेताओं को उनके घर से बाहर भी आने नहीं दिया जाएगा. बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान संगठनों ने रेलवे ट्रैक खाली कर रखे हैं और मालगाड़ियों की आवाजाही में रुकावट पैदा नहीं कर रहे, फिर भी केंद्र सरकार जानबूझकर माल गाड़ियों की आवाजाही रोक रही है ताकि पंजाब के लोग परेशान हों.
इसी तरह पंजाब में जो दूसरे देशों और राज्यों से स्क्रैप आता था, उसके न आने पर पर भी व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार की किसानों के साथ आपसी खींचतान के कारण व्यापारी वर्ग बहुत ही निराश और क्रोधित है. उनका कहना था कि पहले पंजाब की इंडस्ट्री कोरोना और लॉकडाउन की वजह से मंदी की मार झेल रही थी और अब इस तरह से केंद्र सरकार ने मालगाड़ियों की आवाजाही रोकने का फैसला लेकर पंजाब की इंडस्ट्री को डुबोने का काम किया है.
दरअसल, केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार को कहा है कि अगर पंजाब सरकार पंजाब में आने वाली मालगाड़ियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेती है तभी भारतीय रेलवे पंजाब के ट्रेक पर मालगाड़ियों को भेजेगी. इसी वजह से ये मामला केंद्र और पंजाब सरकार के बीच उलझा हुआ है. हालांकि कुछ महीने पहले तक केंद्र क्री सहयोगी रहे और एनडीए का अलायंस अकाली दल भी अब रेलवे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधने में लगा है और उन्होंने भी कांग्रेस पार्टी की तरह ही केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोला है.