अखिलेश यादव से मायावती के OSD रहे गंगाराम ने की मुलाक़ात
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के दौरान बहुजन समाज पार्टी में बगावत सामने आई है. पहले बसपा से 5 विधायक बागी हुए, इसके बाद देखते ही देखते बागियों की संख्या 7 तक पहुंच गई. बसपा ने इस बगावत के चलते मुश्किल में आई राज्यसभा प्रत्याशी की दावेदारी को बचा लिया.
इसके बाद इन बागियों पर निलंबन की कार्रवाई भी की गई है. इस बीच गुरुवार को बसपा मुखिया मायावती के ओएसडी रहे गंगाराम अंबेडकर ने अखिलेश यादव से मुलाक़ात की. 5 सदस्यीय दल के साथ गंगाराम अम्बेडकर सपा अध्यक्ष से मिले. गंगाराम अम्बेडकर फिलहाल मिशन सुरक्षा परिषद नाम के संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. गंगाराम अंबेडकर मायावती के महत्वपूर्ण सलाहकार में से एक रहे हैं.
गंगाराम दलितों को देशभर में जोड़ने का अभियान चला रहे हैं. मुलाकात के बाद गंगाराम अंबेडकर ने कहा कि हम एक सामाजिक संगठन हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर 2022 में राजनीतिक तौर से भी मैदान में उतरेंगे.
सपा में बागी विधायकों की बगावत के बाद उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है. साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने ऐलान कर दिया है कि भविष्य में होने वाले एमएलसी चुनावों में सपा प्रत्याशी के खिलाफ पार्टी वोट करेगी. चाहे इसके लिए भाजपा या किसी भी दल के प्रत्याशी को ही समर्थन क्यों न देना पड़े. मायावती के इस बयान को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने तंज कसा है. उन्होंने मायावती के बयान का वीडियो ट्वीट कर बस इतना लिखा है कि इसके बाद भी कुछ बाकी है?
उधर बागी विधायक असलम रायिनी ने कहा कि बहन जी के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं. अब हम अपना हित तलाशने के लिए स्वतंत्र हैं. वहीं, असलम चौधरी ने कहा कि मैं बसपा का पुराना कार्यकर्ता रहा हूं. बहन जी के फैसले के बाद भी हम अभी पार्टी से विधायक हैं. मैं बसपा में था और रहूंगा.